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6 Jul 2022 · 1 min read

अपना राह तुम खुद बनाओ

ये मेरे बच्चे सुन लो
यह जीवन बड़ा कठिन है।
अब तक थे तुम माँ-बाप के
छाँव मे,
अब कड़ी धूप में तुम निकलो।
अपना पंख पसारो तुम
और अपना दाना खुद चुन लो।
अब निकलो तुम कठिन सफर पर
अपना राह तुम खुद पकड़ो।

मुमकिन है तुम्हें इस सफर में
फूल कम काँटे ज्यादा मिलेंगे
जीत की खुशी कम
और हार के स्वाद तुम्हें
ज्यादा चखने को मिलेंगे
पर तुम इससे घबराकर
कही टूट नही जाना
यह तेरे आस्तित्व की लड़ाई है
यह बात तुम भुल न जाना।

तरह-तरह की रूकावटे
तेरे कदम को रोकेंगे।
शहर की यह चमक-दमक
तेरी आँखो चौंधियाएगीं।
तरह-तरह के प्रलोभन
लक्ष्य से तुम्हें भटकाएगी।
पर तुम सब्र का मशाल जलाकर
लक्ष्य का पीछा करते रहना।
भर साहस का तेल तुम
मन मे एक दिया जलाना,
उस लौ के साथ तुम
आगे को बढते जाना।

अपने अन्दर कमियाँ लगे तो
तुम सहस्र स्वीकार कर लेना।
उसको सुधार करके तुम
जीवन में आगे को चल देना।
प्रयास मे तेरे कही कभी
कोई कमी न रह जाए ,
इस बात तुम सदा ही
मेरे बच्चों ख्याल रखना।
एक प्रयास से अगर न हुआ तो
सौ प्रयास तुम करते रहना।

यह जीवन है पग-पग पर
लेती है इम्तिहान ।
तुम इस इम्तिहान का मेरे बच्चे
सदा रखना ध्यान ।
सोच-समझ कर इम्तिहान को
देना तुम मेरे बच्चे।
अच्छे से इम्तिहान दोगे,
तो परिणाम भी होंगे अच्छे ।
फिर सब कुछ होगा जीवन में
अच्छे, अच्छे और अच्छे।

~अनामिका

Language: Hindi
Tag: कविता
2 Likes · 2 Comments · 256 Views
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