अपना ख़याल तुम रखना

घर उजड़ने का न दिल में मलाल तुम रखना
दूर जाते हो तो अपना ख़याल तुम रखना
मेरी दुनिया का है क्या ये बसी बसी न बसी
अपनी दुनिया की मगर देखभाल तुम रखना
तुमको याद आएंगे सबके बुझे बुझे चेहरे
अपने चेहरे को मगर बाजमाल तुम रखना
किसलिए छोड़ के आए हो सरजमीं अपनी
दिल के कोने में कहीं ये सवाल तुम रखना
—शिवकुमार बिलगरामी