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7 Oct 2022 · 1 min read

अनेकतामा एकता

मानिसको सोच अनेक,
चिन्ता र प्रतिक्रिया अनेक,
यी सबैका कारण अनेक,
कारणहरूको प्रकार अनेक,
प्रकारहरूको स्वरूप अनेक,
स्वरूपहरूको परिभाषा अनेक,
परिभाषाहरूको शब्दजाल अनेक,
शब्दजालहरूको रिंगाउने अर्थ अनेक,
प्रत्येक दिन अर्थहरूको अर्थ लाग्छ अनेक,
खण्ड-खण्ड खण्डित विश्वास अनेक,
मानौं समग्र नैतिकताको बन्यो परिहास अनेक,
नेता-कार्यकर्ता मात्र हैन बुद्धिजीविको मानसिकता अनेक,
त्यो मानसिकतामा आक्रोश अनेक,
आक्रोशको प्रकृति अनेक,
प्रकृतिको प्रस्तुति अनेक,
प्रस्तुतिको दलगत भाव अनेक,
त्यो भावमा आस्था अनेक,
आस्थामा दासता अनेक,
दासतामा विवशता अनेक,
विवशतामा बंशाणु गुण अनेक,
बंशाणुमा दरिद्रता अनेक,
दरिद्रतामा भयको प्रकार अनेक,
भयमा भयभित हुने मानसिकता अनेक,
भयभित भई मतमा विभाजन अनेक,
मत विभाजन गर्ने मालिक अनेक,
मालिकको जडि सुंघ्ने बाहाना अनेक,
जडिमा मोहनी मन्त्र अनेक,
मोहनीमा स्वार्थ अनेक ,
स्वार्थमा जनताले भोट दिने पार्टी अनेक,
अनि किन गर्ने अपेक्षा अनेक,
के गर्छौ बोकेर यतिका अनेकता?,
व्यर्थ छ आफूबीच राखेर क्लेश अनेक,
के गर्छौ बोकेर छिनालिएका मूल्य-अवशेष अनेक,
त्यसैले आफूहरूबीच नखोज विभाजन अनेक,
विभाजनमा छ कमजोरी अनेक,
कमजोरीको फाइदा लिने भेटिन्छन् अनेक,
फाइदा आफू-आफू मिलेर गए पाइन्छ अनेक,
एकताले शक्ति संचय हुन्छ अनेक,
शक्ति संचयमा ऊर्जा अनेक,
ऊर्जामा सामथर्य अनेक,
सामथर्यले भेटाइन्छ लक्ष्य अनेक,
त्यसैले सबै बन एक,
अनेकतामा खोज एकता !!!
~~~●~~~●~~~●

#दिनेश_यादव (2079/06/21, जन्मदिन) ।। तस्बिर : सामाजिक_ संजाल

Language: Nepali
2 Likes · 474 Views
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