Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2023 · 1 min read

अनादि

क्षण क्षण क्षरण हो रहे क्षण में
क्षणिक क्षण भर क्षितिज को देखो
अनगिनत अनादि अनंत कल्पना खोलो
कल्प कल्पित कल्पना के कलरव को जानो
जाने से पहले स्वयं को पहचानो
ईश पर रख विश्वास की आश
अन्दर की यात्रा तो करो
स्वयं के लिए स्वयं को जानो
मिट्टी के तन में सांसो को
जोड़ा जिसने उसको पहचानो
संक्षिप्त सही पर सार गर्भित हो
मन शान्त और विचार निर्मल हो
मिट्टी का तन कांठ पर जब जाएगा
देखना मन नहीं पचताएगा
स्वप्न जो क्षणिक अक्षि ने देखा
कुछ तो प्रयास कर लिया जाए
प्राण का अर्पण कर समर्पण
ध्यानमग्न हो जाने दो
सारी चिंता को चिन्तन में बदल कर
तो देखो नयन से अपने हृदय द्वार देखो
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)

Language: Hindi
1 Like · 85 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
View all
You may also like:
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
पधारो मेरे प्रदेश तुम, मेरे राजस्थान में
gurudeenverma198
छद्म शत्रु
छद्म शत्रु
Arti Bhadauria
प्रकृति एवं मानव
प्रकृति एवं मानव
नन्दलाल सुथार "राही"
" चलन "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
एक पेड़ का दर्द
एक पेड़ का दर्द
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
✍️हम जिस्म के सूखे एहसासो से बंझर है
✍️हम जिस्म के सूखे एहसासो से बंझर है
'अशांत' शेखर
#शर्माजीकेशब्द
#शर्माजीकेशब्द
pravin sharma
जनता की कमाई गाढी
जनता की कमाई गाढी
Bodhisatva kastooriya
■आज पता चला■
■आज पता चला■
*Author प्रणय प्रभात*
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
क्या मुगलों ने लूट लिया था भारत ?
Shakil Alam
कठिनाई  को पार करते,
कठिनाई को पार करते,
manisha
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
अद्यावधि शिक्षा मां अनन्तपर्यन्तं नयति।
शक्ति राव मणि
महा कवि वृंद रचनाकार,
महा कवि वृंद रचनाकार,
Neelam Sharma
Ajj fir ek bar tum mera yuhi intazar karna,
Ajj fir ek bar tum mera yuhi intazar karna,
Sakshi Tripathi
आज बहुत दिनों बाद
आज बहुत दिनों बाद
Krishan Singh
हिंदी दोहा बिषय:- बेतवा (दोहाकार-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी')
हिंदी दोहा बिषय:- बेतवा (दोहाकार-राजीव नामदेव 'राना लिधौरी')
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
फ़ितरत
फ़ितरत
Kavita Chouhan
मैंने साइकिल चलाते समय उसका भौतिक रूप समझा
मैंने साइकिल चलाते समय उसका भौतिक रूप समझा
Ms.Ankit Halke jha
बिसुणी (घर)
बिसुणी (घर)
Radhakishan R. Mundhra
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
विजय कुमार नामदेव
पानी यौवन मूल
पानी यौवन मूल
Jatashankar Prajapati
हो गई है भोर
हो गई है भोर
surenderpal vaidya
मत पूछअ
मत पूछअ
Shekhar Chandra Mitra
तुम याद आ गये
तुम याद आ गये
Surinder blackpen
धूप कड़ी कर दी
धूप कड़ी कर दी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हमारी बस्ती की पहचान तथागत बुद्ध के नाम
हमारी बस्ती की पहचान तथागत बुद्ध के नाम
Anil Kumar
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
मैं तुम्हें
मैं तुम्हें
Dr fauzia Naseem shad
#कविता//ऊँ नमः शिवाय!
#कविता//ऊँ नमः शिवाय!
आर.एस. 'प्रीतम'
" समय "
DrLakshman Jha Parimal
Loading...