Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Mar 2023 · 1 min read

अनहोनी करते प्रभो, रखो मनुज विश्वास (कुंडलिया)*

अनहोनी करते प्रभो, रखो मनुज विश्वास (कुंडलिया)
______________________________________
अनहोनी करते प्रभो ,रखो मनुज विश्वास
दुर्बल के बल राम की ,छोड़ो कभी न आस
छोड़ो कभी न आस ,काल का चक्र घुमाते
बानक सब अनुरूप ,भक्त के सहज बनाते
कहते रवि कविराय , न रहती सूरत रोनी
रचते अचरज – दृश्य , प्रभो करते अनहोनी
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
*बानक* = परिस्थितियाँ ,परिदृश्य
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
*रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा*
*रामपुर (उत्तर प्रदेश)*
_मोबाइल 99976 15451_

72 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
एक मुक्तक....
एक मुक्तक....
डॉ.सीमा अग्रवाल
2327.पूर्णिका
2327.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
शाहजहां के ताजमहल के मजदूर।
Rj Anand Prajapati
राग दरबारी
राग दरबारी
Shekhar Chandra Mitra
*दुपहरी जेठ की लेकर, सताती गर्मियाँ आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*दुपहरी जेठ की लेकर, सताती गर्मियाँ आई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मुस्कुराओ तो सही
मुस्कुराओ तो सही
अभिषेक पाण्डेय ‘अभि ’
दूसरे दर्जे का आदमी
दूसरे दर्जे का आदमी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
سیکھ لو
سیکھ لو
Ahtesham Ahmad
आज का आम आदमी
आज का आम आदमी
Shyam Sundar Subramanian
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कहानी संग्रह-अनकही
कहानी संग्रह-अनकही
राकेश चौरसिया
कितनी सहमी सी
कितनी सहमी सी
Dr fauzia Naseem shad
मदर टंग
मदर टंग
Ms.Ankit Halke jha
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
होली है!
होली है!
Dr. Shailendra Kumar Gupta
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
DaminiQuotes
DaminiQuotes
Damini Narayan Singh
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
उतर जाती है पटरी से जब रिश्तों की रेल
हरवंश हृदय
ग़म
ग़म
Dr.S.P. Gautam
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद  हमेशा रहे।
बेशक प्यार तुमसे था, है ,और शायद हमेशा रहे।
Vishal babu (vishu)
■ इन दिनों...
■ इन दिनों...
*Author प्रणय प्रभात*
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
तुमको खोकर इस तरहां यहाँ
gurudeenverma198
Hero of your parents 🦸
Hero of your parents 🦸
ASHISH KUMAR SINGH
आत्मा की शांति
आत्मा की शांति
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
श्याम सुंदर तेरी इन आंखों की हैं अदाएं क्या।
umesh mehra
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्तर भी है तो प्यार की कोई उमर नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का,
जमाने से क्या शिकवा करें बदलने का,
Umender kumar
'Memories some sweet and some sour..'
'Memories some sweet and some sour..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...