Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2022 · 1 min read

अनसुनी~प्रेम कहानी

चलो सुनायें आज सभी को
एक अनसुनी प्रेम कहानी
शामिल जिसमें ना कोई लैला
ना रांझे की कोई दीवानी

ये प्रेम कहानी दो बहनों की
अलग जिस्म पर जान वहीं थी
एक जो दुख में डूबी होती
दूजी तभी परछाई बनी थी
ना वो अलग, ना सोच अलग थी
बस एक-दूजे को जान समझती
रूठ भी जाती कोई किसी से
होंठों से फिर बात ना करती

अब पहले उनमें कौन मनाए
कैसे आए रीत सुहानी
चलो सुनाऊ आज सभी को
एक अनसुनी प्रेम कहानी

मोड़ कहानी में तब आया
जब मंजिल उन्हें कॉलेज ले आई
अलग हुईं सपनों की खातिर
एक नर्सिंग, एक लैब में आई
समय ना मिलता, बात ना होती
दोनों की मुलाक़ात ना होती
फिर भी वक़्त ना जीता उनसे
याद बिना कोई रात ना होती

ख़्वाबों में था मिलना-जुलना
यादों में थी, प्रीत सुहानी
चलो सुनायें आज सभी को
एक अनसुनी प्रेम कहानी

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 133 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
पर्यावरण
पर्यावरण
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
■■★परमात्मनः शक्ति:★■■
■■★परमात्मनः शक्ति:★■■
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नसीहत
नसीहत
Shivkumar Bilagrami
भगवन नाम
भगवन नाम
लक्ष्मी सिंह
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
झुलसता पर्यावरण / (नवगीत)
झुलसता पर्यावरण / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
■ गीत- / बित्ते भर धरती, मुट्ठी भर अम्बर...!
■ गीत- / बित्ते भर धरती, मुट्ठी भर अम्बर...!
*Author प्रणय प्रभात*
आनी इक दिन मौत है।
आनी इक दिन मौत है।
Taj Mohammad
विगुल क्रांति का फूँककर, टूटे बनकर गाज़ ।
विगुल क्रांति का फूँककर, टूटे बनकर गाज़ ।
जगदीश शर्मा सहज
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
Ashish shukla
"जटा"कलम को छोड़
Jatashankar Prajapati
कोरोना संक्रमण
कोरोना संक्रमण
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बड़े होते बच्चे
बड़े होते बच्चे
Manu Vashistha
उनको मत समझाइए
उनको मत समझाइए
राहुल द्विवेदी 'स्मित'
बलिदानी सैनिक की कामना (गीत)
बलिदानी सैनिक की कामना (गीत)
Ravi Prakash
"मैं फ़िर से फ़ौजी कहलाऊँगा"
Lohit Tamta
मैं तो अकेली चलती चलूँगी ....
मैं तो अकेली चलती चलूँगी ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
विलुप्त होती हंसी
विलुप्त होती हंसी
Dr Meenu Poonia
मेरे दिल
मेरे दिल
shabina. Naaz
हार जाते हैं
हार जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
आजकल स्याही से लिखा चीज भी,
आजकल स्याही से लिखा चीज भी,
Dr. Man Mohan Krishna
अवसर
अवसर
Neeraj Agarwal
सावन और साजन
सावन और साजन
Ram Krishan Rastogi
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
पग पग पे देने पड़ते
पग पग पे देने पड़ते
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं माँ हूँ
मैं माँ हूँ
Arti Bhadauria
151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद)
151…. सहयात्री (राधेश्यामी छंद)
Rambali Mishra
‘कन्याभ्रूण’ आखिर ये हत्याएँ क्यों ?
‘कन्याभ्रूण’ आखिर ये हत्याएँ क्यों ?
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
सच्चाई का मार्ग
सच्चाई का मार्ग
AMRESH KUMAR VERMA
Loading...