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17 Oct 2016 · 1 min read

अतीत

अतीत शब्द कह तूफान ला दिया
उठती लहरों का सैलाव ला दिया
कुछ पढ मन्द मुस्कराने लगी मैं
कुछ पढ कर कोमा में चली गयी मैं

किताब अतीत की यूँ पढ़ने लगी
शब्द -शब्द का विश्लेषण करने लगी
मीठी मीठी सी यादों में खोने लगी
खट्टी स्मृतियाँ काँटों सी चुभने लगी

सभाँला जब से होश अपना मैंने
तिरस्कार ,इंकार के कर सोपान पार
चलती रही प्यार के हासियों पर मैं
फिर वही ख्याल रह-रह झकझोर गया

अतीत की स्मृतियों में ढूँढा अपने को
सुन्दर मनोरम सपनों का स्थान न था
एक अतीत यादों की विशैली स्मृतियों का
जहाँ हिसाब पाने से खोने का ज्यादा था

अतीत ने सिखाया मुझको सही मार्ग
देख ना पीछे मुड़ आगे बढ़ते ही जाना
जीवन जीने के लिए ऊँपर से मुस्कराना
बेडौल व्यवस्था में जीना सीख लिया

डॉ मधु त्रिवेदी

Language: Hindi
73 Likes · 384 Views
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