अजीब सूरते होती है

अजीब सूरते होती है , इंतज़ार में भी।
बेकरार रहता है मन, इस प्यार में भी।
बहुत दौड़े भागे मन,कहीं चैन न पाये ।
थोड़ी सी आहट पर ही,ये घबराये जाये ।
चहलकदमी करने, रातों की नींद जाये
डरावने से लगते है,अपने ही बस साये।
धड़कने दिल की,हर आहट करती शौर
रहती है आंखें,, हमेशा दरवाजे की ओर।
ये इंतज़ार किसी को काम का नहीं छोड़े।
जितने मर्जी दौड़ा लो,अक्ल के तू घोड़े।
सुरिंदर कौर