*अच्छी लगती है 【मुक्तक】*

*अच्छी लगती है 【मुक्तक】*
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अगर हो धूप जाड़ों की, सुहानी अच्छी लगती है
सुनी बचपन में परियों की, कहानी अच्छी लगती है
बुढ़ापे वाले किसने रुग्ण तन को है भला चाहा
किसी से पूछ लो सबको, जवानी अच्छी लगती है
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_रुग्ण = बीमार_
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र )
मो. 9997615451*