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15 Feb 2021 · 1 min read

अच्छा लगता है

प्रियवर पास तुम्हारा आना,अच्छा लगता है।
आगे बढ़कर गले लगाना, अच्छा लगता है।
जगते उर के कलरव सोये,धड़कन बढ़ जाती-
ऐसे में मेरा इतराना, अच्छा लगता है ।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
3 Likes · 202 Views

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