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7 Feb 2023 · 1 min read

अग्निपरीक्षा

यह प्रेम तो
अग्नि-परीक्षा है
इससे हंसकर
गुजरना पड़ता है…
(१)
राख की ढ़ेरी
होने तक
तिल-तिल कर
जलना पड़ता है…
(२)
जी-जी कर
मरना पड़ता है
मर-मर कर
जीना पड़ता है…
(३)
सूली पर
टंगना पड़ता है
विष को भी
पीना पड़ता है…
(४)
बेड़ी लगे हुए
पैरों से
नाच कर
दिखाना पड़ता है…
(५)
दुनिया को
तानों के बदले
मीठे गीत
सुनाना पड़ता है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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