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13 Jan 2022 · 1 min read

अगली नस्लें

तुम्हारी इस ख़ामोशी के लिए
अगली नस्लें धिक्कारेंगी तुम्हें!
तुम्हारी इस बुजदिली के लिए
अगली नस्लें फटकारेंगी तुम्हें!!
जब देश को बहुत जरूरत थी
तुम अपने ऐशगाह में पड़े रहे!
तुम्हारी इस कामचोरी के लिए
अगली नस्लें ललकारेंगी तुम्हें!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
Tag: कविता
152 Views
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