*अगर संबंध अच्छे हैं, तो यह नुक्सान रहता है 【हिंदी गजल/गीतिक

*अगर संबंध अच्छे हैं, तो यह नुक्सान रहता है 【हिंदी गजल/गीतिका】*
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(1)
अगर संबंध अच्छे हैं, तो यह नुक्सान रहता है
समीक्षक देख कर भी, गलतियों को कुछ न कहता है
(2)
भले ही राह में पत्थर की, दीवारें खड़ी कर दो
नदी का चल पड़ा पानी, सदा आगे ही बहता है
(3)
सभी को बस नजर आते हैं, भवनों के शिखर ऊँचे
किसे मालूम है यह, नींव का पत्थर क्या सहता है
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451