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6 Feb 2024 · 1 min read

अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे

अगर प्यार की राह पर हम चलेंगे
नहीं शूल फिर नफ़रतों के चुभेंगे

छुपी बात दिल की चली आई लब पर
तो बिन बात के ही फ़साने बनेंगे

अगर हम कहेंगे सफ़ाई में कुछ भी
तुम्हें वो हमारे बहाने लगेंगे

ये वादा है ग़म हम छिपा लेंगे दिल में
तुम्हें मुस्कुराते हुए ही मिलेंगे

समझकर इसे खेल किस्मत का अपनी
कभी कोई शिकवा न तुमसे करेंगे

ये सच है उगेंगे सुबह की तरह हम
तो हम शाम बनकर यहीं पर ढलेंगे

लगाएंगे जब बाग रिश्तों का मिलकर
तभी ‘अर्चना’ गुल ख़ुशी के खिलेंगे

डॉ अर्चना गुप्ता
06.02.2024

4 Likes · 1441 Views
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