,अगर तुम हमसफ़र होते

सफर आसान हो जाता अगर तुम हमसफ़र होते
बहुत आसान हो जाता अगर तुम हमसफ़र होते
भला सोचो जरा हम तुम अगर जो साथ में होते
इश्क परवान चढ़ जाता अगर तुम हमसफर होते
शोखियां थी बरसती उन निगाहों से तेरी हमदम
दिल-ए-नादान खो जाता अगर तुम हमसफ़र होते
पलक में मूंद लेती इक तुम्हारे ही तसव्वुर में
निकल अरमान सब जाते अगर तुम हमसफ़र होते
“सुरिन्दर” यूं बहुत कुछ है हमारे आशियाने में
मकां घर में बदल जाता अगर तुम हमसफ़र होते।
सुरिंदर कौर