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8 Feb 2023 · 1 min read

अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है

अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
फिर नही जानना के मंझिल की कितनी दूरी है

क्या आसाँ क्या मुश्किल ये हौसलों की जंग है
अपने हिस्से का सफर है तय करना मज़बूरी है

© ‘अशांत’ शेखर
08/02/2022

1 Like · 61 Views
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