Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2022 · 1 min read

अकेला चांद

आज तो चांद भी अकेला है।
यादों का मगर लगा मेला है।
दिल किसी सिमत मानता ही नहीं
ये इश्क़ तो एक झमेला है।

छुपे हैं तारे आज बादलों के पार
बिछड़े चांद से है वो कई बार।
बहुत मुश्किल है इनको समझाना
मौज अपनी में वो अलबेला है।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
45 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*सूनी माँग* पार्ट-1 - कहानी लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत, गुजरात।
*सूनी माँग* पार्ट-1 - कहानी लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत, गुजरात।
Radhakishan Mundhra
■ एक नारा, एक दोहा-
■ एक नारा, एक दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
माँ भारती वंदन
माँ भारती वंदन
Kanchan Khanna
इबादत
इबादत
Dr.Priya Soni Khare
डरो नहीं, लड़ो
डरो नहीं, लड़ो
Shekhar Chandra Mitra
2317.पूर्णिका
2317.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Motivational
Motivational
Mrinal Kumar
इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता।
इंसानियत का कोई मजहब नहीं होता।
Rj Anand Prajapati
दिल मे
दिल मे
shabina. Naaz
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
ज़रा सी बात पे तू भी अकड़ के बैठ गया।
सत्य कुमार प्रेमी
सब अपनो में व्यस्त
सब अपनो में व्यस्त
DrLakshman Jha Parimal
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
जलाने दो चराग हमे अंधेरे से अब डर लगता है
Vishal babu (vishu)
जिनकी खातिर ठगा और को,
जिनकी खातिर ठगा और को,
डॉ.सीमा अग्रवाल
*जन्म-मरण : नौ दोहे*
*जन्म-मरण : नौ दोहे*
Ravi Prakash
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sometimes words are not as desperate as feelings.
Sakshi Tripathi
त्रिशरण गीत
त्रिशरण गीत
Buddha Prakash
डाला है लावा उसने कुछ ऐसा ज़बान से
डाला है लावा उसने कुछ ऐसा ज़बान से
Anis Shah
चुपके से चले गये तुम
चुपके से चले गये तुम
Surinder blackpen
To keep wild bushes away from your garden, the only way is t
To keep wild bushes away from your garden, the only way is t
Dr. Rajiv
अपूर्ण प्रश्न
अपूर्ण प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
रिश्तों को नापेगा दुनिया का पैमाना
Anil chobisa
=*तुम अन्न-दाता हो*=
=*तुम अन्न-दाता हो*=
Prabhudayal Raniwal
बेबाक
बेबाक
Satish Srijan
जय श्री कृष्ण
जय श्री कृष्ण
Bodhisatva kastooriya
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
तेरी सारी चालाकी को अब मैंने पहचान लिया ।
Rajesh vyas
आभरण
आभरण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
* शरारा *
* शरारा *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सुरक्षा कवच
सुरक्षा कवच
Dr. Pradeep Kumar Sharma
खुदसे ही लड़ रहे हैं।
खुदसे ही लड़ रहे हैं।
Taj Mohammad
Loading...