Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Mar 2023 · 1 min read

“अंतर्मन में पलता

“अंतर्मन में पलता
“अपराध-बोध”
किसी को “अभय”
नहीं होने देता।”

◆प्रणय प्रभात◆

2 Likes · 73 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
किसी से मत कहना
किसी से मत कहना
Shekhar Chandra Mitra
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
गांव का दृश्य
गांव का दृश्य
Mukesh Kumar Sonkar
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
*जीवन सरल जिएँ हम प्रभु जी ! सीधा सच्चा सादा (भक्ति-गीत)*
Ravi Prakash
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
विजय कुमार अग्रवाल
■ मेरे संस्मरण
■ मेरे संस्मरण
*Author प्रणय प्रभात*
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आंसूओं की नहीं
आंसूओं की नहीं
Dr fauzia Naseem shad
शराफत में इसको मुहब्बत लिखेंगे।
शराफत में इसको मुहब्बत लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
रिश्ते (एक अहसास)
रिश्ते (एक अहसास)
umesh mehra
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
इस दुनिया के रंगमंच का परदा आखिर कब गिरेगा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीना मुश्किल
जीना मुश्किल
Harshvardhan "आवारा"
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
shabina. Naaz
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
कुछ परछाईयाँ चेहरों से, ज़्यादा डरावनी होती हैं।
Manisha Manjari
वाणी वंदना
वाणी वंदना
Dr Archana Gupta
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
Ashish shukla
ज़माने में बहुत लोगों से बहुत नुकसान हुआ
ज़माने में बहुत लोगों से बहुत नुकसान हुआ
शिव प्रताप लोधी
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
*चुनाव से पहले नेता जी बातों में तार गए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गीता की महत्ता
गीता की महत्ता
Pooja Singh
ना चराग़ मयस्सर है ना फलक पे सितारे
ना चराग़ मयस्सर है ना फलक पे सितारे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
इज़हार कर ले एक बार
इज़हार कर ले एक बार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
💐प्रेम कौतुक-390💐
💐प्रेम कौतुक-390💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
तुंग द्रुम एक चारु🥀🌷🌻🌿
तुंग द्रुम एक चारु🥀🌷🌻🌿
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
श्याम घनाक्षरी
श्याम घनाक्षरी
सूर्यकांत द्विवेदी
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
जिस्म से जान निकालूँ कैसे ?
Manju sagar
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
कुछ यूं मेरा इस दुनिया में,
Lokesh Singh
सबके ही आशियानें।
सबके ही आशियानें।
Taj Mohammad
✍️अपनों के दाँव थे✍️
✍️अपनों के दाँव थे✍️
'अशांत' शेखर
रूको भला तब जाना
रूको भला तब जाना
Varun Singh Gautam
Loading...