Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2023 · 1 min read

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस

नारी मुक्ति के बस तीन हैं मंत्र!
शिक्षा, साहस और स्वावलंबन!!
इन्हें सिद्ध कर अपने जीवन में
तुम बदल डालो यह प्राचीन तंत्र!!
#WomensDay #woman
#life #freedom #Equality
#educarion #Job #girls
#courage #महिलादिवस #हक
#इंसाफ #बराबरी #पितृसत्ता
#मनुवाद #सामंतवाद #आजादी

Language: Hindi
244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*पुरानी वाली अलमारी (लघुकथा)*
*पुरानी वाली अलमारी (लघुकथा)*
Ravi Prakash
मेरे तुम
मेरे तुम
अंजनीत निज्जर
"अल्मोड़ा शहर"
Lohit Tamta
सत्ता की चूलें हिलाने वाला कवि
सत्ता की चूलें हिलाने वाला कवि
Shekhar Chandra Mitra
* साहित्य और सृजनकारिता *
* साहित्य और सृजनकारिता *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नयी बहुरिया घर आयी*
नयी बहुरिया घर आयी*
Dr. Sunita Singh
जिया ना जाए तेरे बिन
जिया ना जाए तेरे बिन
Basant Bhagawan Roy
■ धर्म चिंतन / सत्यान्वेषण समय की पुकार
■ धर्म चिंतन / सत्यान्वेषण समय की पुकार
*Author प्रणय प्रभात*
उम्मीद
उम्मीद
Sushil chauhan
अल्फाज़ हैं शिफा से।
अल्फाज़ हैं शिफा से।
Taj Mohammad
पिता
पिता
Buddha Prakash
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
जब तुम उसको नहीं पसन्द तो
gurudeenverma198
बेकारी का सवाल
बेकारी का सवाल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बच्चे थिरक रहे हैं आँगन।
बच्चे थिरक रहे हैं आँगन।
लक्ष्मी सिंह
परशुराम कर्ण संवाद
परशुराम कर्ण संवाद
Utsav Kumar Aarya
बुद्ध पुर्णिमा
बुद्ध पुर्णिमा
Satish Srijan
बेमेल कथन, फिजूल बात
बेमेल कथन, फिजूल बात
Dr MusafiR BaithA
पापाचार बढ़ल बसुधा पर (भोजपुरी)
पापाचार बढ़ल बसुधा पर (भोजपुरी)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जिंदगी क्या है?
जिंदगी क्या है?
Ram Krishan Rastogi
शव शरीर
शव शरीर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सत्यबोध
सत्यबोध
Bodhisatva kastooriya
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
सितम तो ऐसा कि हम उसको छू नहीं सकते,
Vishal babu (vishu)
नाथूराम गोडसे
नाथूराम गोडसे
Anamika Singh
मन का कारागार
मन का कारागार
Pooja Singh
💐अज्ञात के प्रति-124💐
💐अज्ञात के प्रति-124💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रूसवा है मुझसे जिंदगी
रूसवा है मुझसे जिंदगी
VINOD KUMAR CHAUHAN
जहाँ से आये हो
जहाँ से आये हो
Dr fauzia Naseem shad
क्या रखा है???
क्या रखा है???
Sûrëkhâ Rãthí
अपनी-अपनी विवशता
अपनी-अपनी विवशता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...