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4 May 2023 · 1 min read

मर्द का दर्द

अँधेरी रातो मे जुगनू के पीछे दोडा है।
लू के थपेड़ों मे आराम को छोड़ दोडा है।
परिवार में कोई भूखा नहीं सोया रह है।
दो पैसों के लिए घर छोड़ कर दोडा है।।

समय पहले जिम्मेदारी की भट्टी में भुना है।
दोस्त यारों साथ बीता बचपन को भुला है।
वह अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागा है।
बाप की दवा व बेटी की फीस को भागा है।।

दुनिया की परवाह नही अपनो के तानो से भागा है।
अपनो की खुशी के लिए अपने आप से भागा है।
कोन है। वो गलत कहते मर्द को दर्द नहीं होता है।
अपनो को दर्द ना हो। इसलिये अपने दर्द से भागा हैं…..।।

अनिल चौबिसा
9829246588

296 Views
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