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6 Feb 2023 · 1 min read

رَہے ہَمیشَہ اَجْنَبی

رَہے ہَمیشَہ اَجْنَبی
کبھی نہ ہوئے عام
وزیر اعظم ہی رہے
پہنچے نا پیغام
रहे हमेशा अजनबी
कभी न होते आम
वज़ीर आज़म ही रहे
पहुँचे ना पैग़ाम
Poet: Mahavir Uttranchali

1 Like · 214 Views
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Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
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