Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jan 2022 · 1 min read

आम जनता जब बोले लागी

मज़दूर-किसान
मिल जाई!
तख्त-ताज सब
हिल जाई!!
आम जनता जब
बोले लागी
सरकार के मुंह
सिल जाई!!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Bhojpuri
184 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
छल और फ़रेब करने वालों की कोई जाति नहीं होती,उनका जाति बहिष्
Shweta Soni
*पिचकारी 【कुंडलिया】*
*पिचकारी 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
आग से जल कर
आग से जल कर
हिमांशु Kulshrestha
💐Prodigy Love-30💐
💐Prodigy Love-30💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हिंदी का आनंद लीजिए __
हिंदी का आनंद लीजिए __
Manu Vashistha
"बँटवारा"
Dr. Kishan tandon kranti
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
मैथिली हाइकु / Maithili Haiku
Binit Thakur (विनीत ठाकुर)
हुनर
हुनर
अखिलेश 'अखिल'
त्वमेव जयते
त्वमेव जयते
DR ARUN KUMAR SHASTRI
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
प्रहरी नित जागता है
प्रहरी नित जागता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
बारिश का मौसम
बारिश का मौसम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
मन में रख विश्वास,
मन में रख विश्वास,
Anant Yadav
उसका अपना कोई
उसका अपना कोई
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
ग़ज़ल/नज़्म - वो ही वैलेंटाइन डे था
अनिल कुमार
श्रमिक  दिवस
श्रमिक दिवस
Satish Srijan
ये पैसा भी गजब है,
ये पैसा भी गजब है,
Umender kumar
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
Buddha Prakash
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
बंधनों के बेड़ियों में ना जकड़ो अपने बुजुर्गों को ,
DrLakshman Jha Parimal
बादलों के घर
बादलों के घर
Ranjana Verma
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
यादों के अथाह में विष है , तो अमृत भी है छुपी हुई
Atul "Krishn"
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
लोभी चाटे पापी के गाँ... कहावत / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत
Shashi kala vyas
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
सजन के संग होली में, खिलें सब रंग होली में।
डॉ.सीमा अग्रवाल
23/03.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/03.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुराद
मुराद
Mamta Singh Devaa
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
था मैं तेरी जुल्फों को संवारने की ख्वाबों में
Writer_ermkumar
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
शिवकुमार बिलगरामी के बेहतरीन शे'र
Shivkumar Bilagrami
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...