Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2021 · 1 min read

छोटन-मोटन बात करत हो

छोटन-मोटन बात करत हो
हमरे संग ही घात करत हो

ई जिनगी बा, खेला नाही
काहे शय-ओ-मात करत हो

दिन बोला जब दिन होवे
काहे दिन मा रात करत हो

मानबता भुलिके बबुआ तुम
बेकार जात-पात करत हो

काहे सु:खवा के आंगन मा
दु:ख से दो-दो हात करत हो

•••

1 Like · 216 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
View all
You may also like:
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे दिवानों के का
तेरे हुस्न के होगें लाखों दिवानें , हम तो तेरे दिवानों के का
Sonu sugandh
दोस्त
दोस्त
Neeraj Agarwal
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
" हैं अगर इंसान तो
*Author प्रणय प्रभात*
गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,
गुलशन की पहचान गुलज़ार से होती है,
Rajesh Kumar Arjun
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
उनका ही बोलबाला है
उनका ही बोलबाला है
मानक लाल मनु
पेड़ के हिस्से की जमीन
पेड़ के हिस्से की जमीन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR. ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
माँ से बढ़कर नहीं है कोई
जगदीश लववंशी
*प्लीज और सॉरी की महिमा {हास्य-व्यंग्य}*
*प्लीज और सॉरी की महिमा {हास्य-व्यंग्य}*
Ravi Prakash
*** अरमान....!!! ***
*** अरमान....!!! ***
VEDANTA PATEL
"तुम इंसान हो"
Dr. Kishan tandon kranti
सारी जिंदगी कुछ लोगों
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
2545.पूर्णिका
2545.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
(((((((((((((तुम्हारी गजल))))))
Rituraj shivem verma
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज
कवि रमेशराज
कर्मयोगी
कर्मयोगी
Aman Kumar Holy
देश के राजनीतिज्ञ
देश के राजनीतिज्ञ
विजय कुमार अग्रवाल
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
हाँ, नहीं आऊंगा अब कभी
gurudeenverma198
उम्र निकल रही है,
उम्र निकल रही है,
Ansh
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
मैं तो महज इत्तिफ़ाक़ हूँ
VINOD CHAUHAN
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
..........अकेला ही.......
..........अकेला ही.......
Naushaba Suriya
धर्म और संस्कृति
धर्म और संस्कृति
Bodhisatva kastooriya
रंजीत कुमार शुक्ल
रंजीत कुमार शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
सो रहा हूं
सो रहा हूं
Dr. Meenakshi Sharma
Loading...