Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2016 · 1 min read

न जाने कब तेरे…

न जाने कब तेरे जलवों में रवानी आयी,
न जाने कब तेरी सैलाब पर जवानी आयी,

हमें तो होश ही कब था तेरे होंठों से पीने का बाद,
न जाने कब हमारी सुधियों में वो कहानी आयी|

कभी तो शाहजहां – मुमताज के किस्से सुना करते,
न जाने कब मुझे भी याद वो राजा की रानी आयी,

कभी सबकुछ लुटा डाला था हमने इश्क में तेरे,
न जाने कब लुटा दी आज वो निशानी आयी|

न वो सदियां पुरानी हैं न वो यौवन पुराना है,
न जाने कब क्यों धोखे से वो बात पुरानी आयी |

– पुष्पराज यादव
09760557187

316 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हे महादेव
हे महादेव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
*तपन*
*तपन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आकाश दीप - (6 of 25 )
आकाश दीप - (6 of 25 )
Kshma Urmila
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वा
Rohit Kumar
दुआ सलाम
दुआ सलाम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भले वो चाँद के जैसा नही है।
भले वो चाँद के जैसा नही है।
Shah Alam Hindustani
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
पेड़ पौधों के बिना ताजी हवा ढूंढेंगे लोग।
सत्य कुमार प्रेमी
माँ तेरा ना होना
माँ तेरा ना होना
shivam kumar mishra
वाह टमाटर !!
वाह टमाटर !!
Ahtesham Ahmad
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
कियो खंड काव्य लिखैत रहताह,
DrLakshman Jha Parimal
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
खिलौने वो टूट गए, खेल सभी छूट गए,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
गांव की ख्वाइश है शहर हो जानें की और जो गांव हो चुके हैं शहर
Soniya Goswami
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
बंधन में रहेंगे तो संवर जायेंगे
Dheerja Sharma
कमरछठ, हलषष्ठी
कमरछठ, हलषष्ठी
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
💐Prodigy Love-8💐
💐Prodigy Love-8💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
मां की जीवटता ही प्रेरित करती है, देश की सेवा के लिए। जिनकी
Sanjay ' शून्य'
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
*नयी पीढ़ियों को दें उपहार*
Poonam Matia
गति केवल
गति केवल
*Author प्रणय प्रभात*
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ
जब साथ तुम्हारे रहता हूँ
Ashok deep
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
रंग मे रंगोली मे गीत मे बोली
Vindhya Prakash Mishra
कातिल
कातिल
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
*नृप दशरथ चिंता में आए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
,,,,,,
,,,,,,
शेखर सिंह
विचार मंच भाग -8
विचार मंच भाग -8
डॉ० रोहित कौशिक
" खामोशी "
Aarti sirsat
वृक्ष बड़े उपकारी होते हैं,
वृक्ष बड़े उपकारी होते हैं,
अनूप अम्बर
Loading...