Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2022 · 3 min read

🌺प्रेम की राह पर-58🌺

यह प्रेमपथ निश्चित ही वंचक की सिद्ध होगा।उसकी सूत्रधर तुम होगी और क्या कहूँ ।यदि यह सब विनोदपूर्ण न सम्पन्न हुआ।सम्भवतः तुम्हारी सोच विलासी है और तो तुम्हारा प्रेम भी अवश्य विलासिता का अभिलाषी है।तुमने हे सामी!जीवन के कौन से रंग जिए हैं।ज़रा सा कोई तारतम्य तो प्रस्तुत करते हैं किसी तरह का।कुछ भी नहीं।यदि प्रतिशोध ही भरा है तो तेज़ाब से ही जला दो।क्या यही है तुम्हारा कोरा ज्ञान।सच्चा ज्ञान कर्म की प्रेरणा प्रस्तुत करता है।तुम किस ज्ञान की प्रेरणा से प्रेरित हो।तुम्हारा ज्ञान कभी तुम्हें अवसर न देगा।मेरा कोई काम असत्य से आप्लावित नहीं है।अपना कोई स्वाभाविक परिचय तो प्रस्तुत करते हैं।वह भी नहीं।तुम्हारा वर्चस्व ऐसे नष्ट हो जाएगा जैसे शुष्क होती नदी में मछली नष्ट हो जाती हैं।कोई निदान प्रस्तुत करतें हैं।कोई सुझाव देते हैं।कुछ भी नहीं।क्यों?मैं कोई लफंगा हूँ।यह याद रखना मेरा यह ख़राब समय ज़्यादा दिन न रहेगा।कोई वक्तव्य देते हैं।कोई सम्यक आचरण प्रस्तुत करते हैं।हमने कहाँ कि भोजन का हमारा विषय सात्विक है।माँसाहार पूर्णतया त्याज्य है।अत्यन्त दुर्गन्धयुक्त स्वादलोलुपता के कारण खायें जाने वाले भोज्य पदार्थ स्वीकार नहीं हैं।तो इसमें गलत क्या है और वैसे भी “आहार शुद्धि: सत्व शुद्धि:,सत्व शुद्धि: ध्रुव स्मृति:।”विचारों से पोषक बनो शोषक नहीं।तुम्हें में फोन नहीं कर सकता पर तुम्हारे द्वारा कोई उत्तर न दिया जाना।मुझे बहुत बुरा लगता है।ऐसा प्रतीत होता है कि तुम्हारा अन्तः और बाह्य यही आडम्बर है।तुम कोई जबाब क्यों नहीं देती हो।तुम्हारे साथ कोई मलिच्छ व्यवहार करूँ तो उसे कहो।परं तुम कोई जबाब नहीं देती हो यह सब अब बुरा लगता है।पीएचडी के बाद कोई चमत्कार न होगा।देख लेना।यदि किसी का परामर्श न मिला तो अन्य रद्दी की तरह तुम्हारा साहित्य भी कूड़े के ढ़ेर पर उछल कूँद कर रहा होगा।कोई सारवान कथन प्रस्तुत तो करो।इतनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के बाबजूद भी तुम्हारे मन में क्या उठक पटक चल रही है मेरे प्रति।पता नहीं।कोई दयालुता तो होती है।तुम मुझसे कह दो कि मुझे सन्देश न भेजो।तो नहीं भेजूँगा।मेरा इकलौता नम्बर था जिससे मैं तुम्हें पहाड़ी हरियाली के बीच देख सकता था अब वह भी ब्लॉक कर दिया है।यही तो है तुम्हारी मूर्खता।ब्लॉक क्यों करती हो।सामना करो।हिम्मत ही नहीं हैं।हिम्मत तो क्रिप्टो में बेच दी।ऐसे ही बेचती रहना।क्या ऐसी प्रवृत्ति तुम्हारी जन्मजात है।तुम से अच्छी तो भोर में चहचहाती चिड़ियाँ हैं जो कम से कम चहचहा कर आनन्दित तो करतीं हैं।कोई शान्ति का स्रोत,कैसा भी, प्रस्तुत न किया।मात्र केवल और केवल अशान्ति ही दी।तुम्हारे साथ सत्य का आचरण ही प्रस्तुत किया।फिर इस मेरे व्यवहार को तुमने सन्निपात के रूप में क्यों लिया।यदि आप स्वयं अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं तो आप भी कायर हीं हैं।वीररस की कवितायें लिखने मात्र से मनुष्य वीर नहीं हो जाता है।आदर्शों का उपदेश करो और स्वयं उनका पालन न करो।मैं अपनी धार्मिक सज्जनता परिधि को लाँघ नहीं सकता हूँ।यदि कोई मुझे धर्मभीरु कह दे तो उसे भी स्वीकार कर लूँ।पर सब कुछ जानकर भी मैं कोई गलत कार्य करूँ तो उसका परिणाम भी तो मैं ही भुगतूँगा और फिर कोई क्या कहेगा।इससे हमें क्या मतलब है।तो अपने कर्मों पर ध्यान देते हुए।सिविल सेवा की तैयारी यदि करनी हो।तो ही तुम्हें स्वीकार करूँगा।अन्यथा तुम्हारी स्वीकारोक्ति इसलिए हो कि ख़ूब सैर सपाटा करेंगे तो तुम्हारी सभी। एतादृश बातें व्यर्थ हैं।कृपया जो मेरा नम्बर ब्लॉक किया है उसे खोल दोगीं।तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद होगा।कोई गलत सन्देश यदि मैं भेजूँ तो हमेशा के लिए ब्लॉक कर देना।यह याद रखो यह दुनिया धन की दीवानी है।जब तक धन है तो सभी रिश्ते सुहाने हैं।पिछले दो वर्षों में मैंने सब कुछ जान लिया है और बड़े बड़े पूजा पाठ वाले भी देख लिए और उनका छद्म आचरण भी।तुम किसी दोष को मेरे प्रति न पालना।मैं निर्दोष हूँ।यह सब इसलिए कह रहा हूँ कि पूर्व में भी मेरे द्वारा भेजे गए सन्देशों में भी सिविल सेवा की तैयारी का भाव प्रक्षिप्त था।इन सभी तथ्यों को अनर्गल न लो।बस उतना पढो जितना इस परीक्षा के लिए माफ़िक है।अपने दिमाग़ को भट्टी न बनाओ।चिन्ता न करो ईश्वर सभी ठीक करेंगे और एक बात और कि यह ध्यान रखना कि तुम्हारे गाँव में पहले बात हुई थी।तब से अब तक कोई भी चर्चा मैंने किसी से भी नहीं करी।जो व्यक्ति तुम्हारे गाँव में है वह इतना ख़ास नहीं है मेरा।मात्र उससे विभागीय दृष्टिकोण से परामर्श किया था।तो हे संगमरमर!तुम इसे यदि अभी भी इसे बुरा मानती हो तो तुम्हें पता है कि तुम क्या हो?तुम एकसाथ स्वप्रमाणित मूर्ख हो।

©अभिषेक पाराशर

Language: Hindi
372 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
"ये दुनिया बाजार है"
Dr. Kishan tandon kranti
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
बना चाँद का उड़न खटोला
बना चाँद का उड़न खटोला
Vedha Singh
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/114.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
कहते हैं कि मृत्यु चुपचाप आती है। बेख़बर। वह चुपके से आती है
Dr Tabassum Jahan
कर गमलो से शोभित जिसका
कर गमलो से शोभित जिसका
प्रेमदास वसु सुरेखा
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
मेहनत का फल (शिक्षाप्रद कहानी)
AMRESH KUMAR VERMA
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
मणिपुर की घटना ने शर्मसार कर दी सारी यादें
Vicky Purohit
💐Prodigy Love-36💐
💐Prodigy Love-36💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – गर्भ और जन्म – 04
Kirti Aphale
तुम ही तो हो
तुम ही तो हो
Ashish Kumar
राम लला
राम लला
Satyaveer vaishnav
मैं और तुम-कविता
मैं और तुम-कविता
Shyam Pandey
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
Dr.Pratibha Prakash
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
~~🪆 *कोहबर* 🪆~~
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
बस यूँ ही...
बस यूँ ही...
Neelam Sharma
कोना मेरे नाम का
कोना मेरे नाम का
Dr.Priya Soni Khare
■ संडे इज द फन-डे
■ संडे इज द फन-डे
*Author प्रणय प्रभात*
कहीं साथी हमें पथ में
कहीं साथी हमें पथ में
surenderpal vaidya
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
आजकल गरीबखाने की आदतें अमीर हो गईं हैं
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
रे ज़िन्दगी
रे ज़िन्दगी
Jitendra Chhonkar
மறுபிறவியின் உண்மை
மறுபிறவியின் உண்மை
Shyam Sundar Subramanian
जरुरी नहीं कि
जरुरी नहीं कि
Sangeeta Beniwal
सब कुछ दुनिया का दुनिया में,     जाना सबको छोड़।
सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आज़ाद जयंती
आज़ाद जयंती
Satish Srijan
Loading...