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27 May 2021 · 1 min read

【अश्रुरूपी गीतों की बरसात】

तेरे गीतों की,मेरे आँखों से बरसातें होतीं हैं,
संसार से आती हैं जो आवाजें,
तुझे ही खोजता हूँ अपने मन से,
जो ख़्याल बनकर, लफ्ज़ बने,
उन्ही लफ्जों में तेरी मूरत होती है
तेरे गीतों की,मेरे आँखों से बरसातें होतीं हैं।।1।।

जो कुछ है इस जगत में,
सब कुछ तेरा ही तो है,
यहाँ केवल तू ही है मेरा,
तेरे नाम पर ही सुबह शाम होती है,
तेरे गीतों की,मेरे आँखों से बरसातें होतीं हैं।।2।।

तू समुन्दर है मैं तो दरिया हूँ,
तेरे ही जज़्ब से मिलूँगा तुझमें,
उससे पहले तो जाइज़ा कर ले मेरा,
तुझमें मिलकर हर हस्ती गुमनाम होती है,
तेरे गीतों की,मेरे आँखों से बरसातें होतीं हैं।।3।।

यह जुस्तजू रहेगी,तुझे पाने की,
चाहूँगा तेरी चौखट पर मेरा दम निकले,
अपनी रमक़ तक याद करूंगा तुझको,
जैसे एक योगी की कैफ़ियत होती है,
तेरे गीतों की,मेरे आँखों से बरसातें होतीं हैं।।4।।

©अभिषेक पाराशर?????

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