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23 Sep 2022 · 1 min read

सच की क़ीमत

सच बोलने की हिम्मत
आजकल कितनों में है?
भेद खोलने की हिम्मत
आजकल कितनों में है?
जग को अमृत देने के लिए
खुशी-खुशी अपने रगों में!
ज़हर घोलने की हिम्मत
आजकल कितनों में है?
#GauriLankesh #धर्मांधता
#बुद्धिजीवी #इंकलाबी #हत्या #पत्रकार #अभिव्यक्ति_के_खतरे
#साहस #हल्लाबोल #media

Language: Hindi
279 Views
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