Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2017 · 1 min read

हिंदी

हिंदी

हिंदी भारत माँ की बोली
माँ के दूध -सी मिश्री घोली
उसके सब हैं,वह है सबकी
जैसे रिश्ता दामन-चोली

हिंदी है हर मुख की शोभा
ह्रदय से हृदय का सेतु
वर्तमान की आँख का सपना
भावी आशाओ का केतु

महल,चौबारे या हो खोली
हिंदी भारत माँ की बोली

अपने से पहचान कराती
अपनों को समीप ले आती
युग युग की पहचान है साथी
तेरी मेरी सब की थाती

नदियों में ज्यों गंगा धौली
हिंदी भारत माँ की बोली

राष्ट्र की माला का मोती
अंधकार में जलती ज्योति
संस्कृत-सुता,बहु-भगनी वह
एकता सुर के सुमन पिरोती

हर भाषा की चन्दन रौली
हिंदी भारत माँ की बोली

बने न यह विवाद की भाषा
यह तो है संवाद् की भाषा
क्रांति और सुधार की भाषा
भक्ति और प्यार की भाषा

देश देश की माँ मुँहबोली
हिंदी भारत माँ की बोली
उसके सब हैं वह है सब की
जैसा रिश्ता दामन चोली ।
( साक्षी काव्य संग्रह से )

Language: Hindi
520 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Santosh Khanna (world record holder)
View all
You may also like:
2835. *पूर्णिका*
2835. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सरस्वती वंदना-3
सरस्वती वंदना-3
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कलियुग के प्रथम चरण का आरंभ देखिये
कलियुग के प्रथम चरण का आरंभ देखिये
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
हकीकत पर एक नजर
हकीकत पर एक नजर
पूनम झा 'प्रथमा'
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
❤️🖤🖤🖤❤
❤️🖤🖤🖤❤
शेखर सिंह
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
हुस्न वालों से ना पूछो गुरूर कितना है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
गंवारा ना होगा हमें।
गंवारा ना होगा हमें।
Taj Mohammad
*मन  में  पर्वत  सी पीर है*
*मन में पर्वत सी पीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दिल तेरी राहों के
दिल तेरी राहों के
Dr fauzia Naseem shad
धर्मनिरपेक्ष मूल्य
धर्मनिरपेक्ष मूल्य
Shekhar Chandra Mitra
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
Maroof aalam
गुमनाम मुहब्बत का आशिक
गुमनाम मुहब्बत का आशिक
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
इक तमन्ना थी
इक तमन्ना थी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
मैं ज्योति हूँ निरन्तर जलती रहूँगी...!!!!
Jyoti Khari
भारत रत्न श्री नानाजी देशमुख (संस्मरण)
भारत रत्न श्री नानाजी देशमुख (संस्मरण)
Ravi Prakash
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
💐अज्ञात के प्रति-154💐(प्रेम कौतुक-154)
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
Rajni kapoor
"मुझे पता है"
Dr. Kishan tandon kranti
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
जो बातें अंदर दबी हुई रह जाती हैं
श्याम सिंह बिष्ट
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
*मैंने देखा है * ( 18 of 25 )
Kshma Urmila
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
Loading...