Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2022 · 1 min read

हम बस देखते रहे।

वो जाते रहे हम बस देखते रहे।।
ना उन्होनें कुछ कहा,,
ना हमने ही कुछ कहा,,
नज़रों से बस अश्क गिरते रहे।।

जानें कब इतने फासले दरम्यां हो गए।।
खामोश वह रहे,,
खामोश हम रहे,,
यूं बिना जमीं के हम आसमां हो गए।।

हमारी इश्के कश्ती को साहिल ना मिले।।
जिनको समझते थे,,
हम अपना रहनुमां,,
आज दुश्मनों में वह भी शामिल हो गए।।

हरे भरे सब्जबाग सारे ही बयाबां हो गए।।
जिंदगी तरसी बूंद बूंद आब की,,
धूल ही धूल उड़े बस खाक की,,
बस्तियां उजड़ी बाकी बस निशां रह गए।।

ताज मोहम्मद
लखनऊ

2 Likes · 6 Comments · 165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बदला सा व्यवहार
बदला सा व्यवहार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
*प्रश्नोत्तर अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
"मनुष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
तृष्णा उस मृग की भी अब मिटेगी, तुम आवाज तो दो।
Manisha Manjari
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
जब जब ……
जब जब ……
Rekha Drolia
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
हिन्दी दोहा-पत्नी
हिन्दी दोहा-पत्नी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हमारा अपना........ जीवन
हमारा अपना........ जीवन
Neeraj Agarwal
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
शेखर सिंह
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
अपना समझकर ही गहरे ज़ख्म दिखाये थे
'अशांत' शेखर
जाति-पाति देखे नहीं,
जाति-पाति देखे नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
अध्यापक :-बच्चों रामचंद्र जी ने समुद्र पर पुल बनाने का निर्ण
Rituraj shivem verma
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
तुम अगर कविता बनो तो गीत मैं बन जाऊंगा।
जगदीश शर्मा सहज
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
गर्दिश का माहौल कहां किसी का किरदार बताता है.
कवि दीपक बवेजा
नेता पलटू राम
नेता पलटू राम
Jatashankar Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
।। जीवन प्रयोग मात्र ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
यादें मोहब्बत की
यादें मोहब्बत की
Mukesh Kumar Sonkar
*** तस्वीर....!!! ***
*** तस्वीर....!!! ***
VEDANTA PATEL
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
💐अज्ञात के प्रति-112💐
💐अज्ञात के प्रति-112💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
वाक़िफ न हो सके हम
वाक़िफ न हो सके हम
Dr fauzia Naseem shad
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
भोजपुरी गायक
भोजपुरी गायक
Shekhar Chandra Mitra
सूखा पत्ता
सूखा पत्ता
Dr Nisha nandini Bhartiya
एक किस्सा तो आम अब भी है,
एक किस्सा तो आम अब भी है,
*Author प्रणय प्रभात*
தனிமை
தனிமை
Shyam Sundar Subramanian
गम   तो    है
गम तो है
Anil Mishra Prahari
Loading...