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10 Jul 2016 · 1 min read

*सोच-विचार*

जीवन के हर पहलू पर करिए सोच-विचार
पथ है ये कांटों का तुम रहना होशियार
जग में तुम हर इक पग रखना सम्भल-सम्भल
फूलों सी है ज़िंदगी करो न इसको ख़ार
धर्मेन्द्र अरोड़ा

Language: Hindi
352 Views
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