Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2022 · 1 min read

सुविचार

“जिस क्षण भी आपके मन में प्रायश्चित का भाव भी उत्पन्न हो जाता है आप उसी क्षण क्षमा योग्य हो जाते हैं”

-Gn

Language: Hindi
Tag: Quotation
2 Likes · 236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
गंदा है क्योंकि अब धंधा है
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
चांदनी रातों में
चांदनी रातों में
Surinder blackpen
गीत गा लअ प्यार के
गीत गा लअ प्यार के
Shekhar Chandra Mitra
नहीं चाहता मैं यह
नहीं चाहता मैं यह
gurudeenverma198
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
विश्व सिंधु की अविरल लहरों पर
Neelam Sharma
THE B COMPANY
THE B COMPANY
Dhriti Mishra
हम अपनी ज़ात में
हम अपनी ज़ात में
Dr fauzia Naseem shad
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
दीन-दयाल राम घर आये, सुर,नर-नारी परम सुख पाये।
Anil Mishra Prahari
फूल खिलते जा रहे
फूल खिलते जा रहे
surenderpal vaidya
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
2461.पूर्णिका
2461.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पिय
पिय
Dr.Pratibha Prakash
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
बेटियां तो बस बेटियों सी होती है।
Taj Mohammad
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
रिश्तें मे मानव जीवन
रिश्तें मे मानव जीवन
Anil chobisa
"बरसात"
Dr. Kishan tandon kranti
*पुरस्कार का पात्र वही, जिसका संघर्ष नवल हो (मुक्तक)*
*पुरस्कार का पात्र वही, जिसका संघर्ष नवल हो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
प्रभु जी हम पर कृपा करो
प्रभु जी हम पर कृपा करो
Vishnu Prasad 'panchotiya'
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
कई तो इतना भरे बैठे हैं कि
कई तो इतना भरे बैठे हैं कि
*Author प्रणय प्रभात*
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
सरस्वती माँ ज्ञान का, सबको देना दान ।
जगदीश शर्मा सहज
सत्य यह भी
सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
चलो
चलो
हिमांशु Kulshrestha
तुम मन मंदिर में आ जाना
तुम मन मंदिर में आ जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
नाजायज इश्क
नाजायज इश्क
RAKESH RAKESH
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
माँ तेरे चरणों मे
माँ तेरे चरणों मे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Loading...