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18 Sep 2017 · 1 min read

सुन रे मन

हौसला तुम्हारा होगा और
उसे पकड़े रखना तुम मजबूती से । पता है तुमने जन्म लिया है
एक ऐसी जिन्दगी की शक्ल में
जो कहलाती है नारी।
इस ब्रह्मांड में तेरे विपरीत
हैं सारी परिस्थितियाँ। जन्म से पहले भी तेरा
आगमन रहा सदा
शर्तों पर टिका हुआ।
चाह है तो तुझे बुलाया नहीं तो
दिया तेरा अस्तित्व मिटा।
यदि तू आ ही गई है
कृपा से किसी की,
तो तेरी राहें नहीं फूलों की वादियां
मत रहना दिवास्वप्नों के सहारे।
मार्ग है तेरा दुर्गम, दुष्कंटक
और बेहद पथरीला। तू नारी है इसीलिए
बनना होगा पुरुष से मजबूत। तन से न सही मन-मस्तिष्क से ही।
– – – रंजना माथुर 17 /12/2016
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
©

Language: Hindi
548 Views
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