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30 Jul 2022 · 1 min read

नेता बनि के आवे मच्छर

सबके नींद उड़ावे मच्छर
भन भन गीत सुनावे मच्छर

नाम पता बिन पुछले भाई
सबके सुई लगावे मच्छर

लहू लोग के चूसे खातिर
नेता बनि के आवे मच्छर

लागेला मरिचा छापल बा
जहवाँ टोंड़ गड़ावे मच्छर

घन्टन भर खजुवात रहेला
जहवें लार गिरावे मच्छर

बेमारी के वर्कर हउवे
गाँव-नगर में धावे मच्छर

डाक्टर लो के चानी हो जा
जब डेंगू फइलावे मच्छर

चिटकी भर के बाटे बाकिर
सौ लइका जनमावे मच्छर

जाति धरम ‘आकाश’ न देखे
सबके देहिं फुलावे मच्छर

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 29/07/2022

4 Likes · 588 Views
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