Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 May 2022 · 2 min read

“शौर्य”

मेरा भी घर था, मेरा भी परिवार था,
मेरी भी एक मोहब्बत थी जिससे मुझे बेइंतहा प्यार था,
मेरी भी एक दास्ताँ थी, शुरू हुई जवानी थी,
पहाड़ों की वादियों में छुपी मेरी भी एक कहानी थी,
हँस-मुख सा चंचल मैं मस्त मगन रहता था, एक लेखक बनने की चाहत को दिल में लिए फिरता था,
मगर अपने पिता और दादा जी जैसा फ़ौजी बनने का जुनून मेरी चाहत से ज्यादा था,
18 साल की उम्र में मेरे घर एक चिट्टी आई मेरी माँ और घर से दूर वो मुझे खिंच लाई,
4 साल की ट्रेनिंग में माँ और घर की याद बहुत सताई,
फ़िर कंधों में 2 सितारे ऐसे चमके, आसमान के हज़ारों सितारे भी उनके सामने फिके लगे,
अफसर बन के ठाट की ज़िन्दगी अगर बिताता तो पिता के वचन का मूल कैसे चुकाता,
उनकी तस्वीर को किसी फूल की माला से नहीं अपने मैडल से जो सजाना था, अपने आप से किया ये मैंने वादा था,
उनकी तरह मैंने भी बलिदान के शब्द को पहचाना था,
लेके अपना बस्ता कमांडो ट्रेनिंग स्कूल बढ़ चला,
कीचड़ के पानी से मेरा स्वागत हुआ, फ़िर अपने एक पसंदीदा हथियार को मैंने चुना,
7 दिन तक भूखा-प्यासा बस दौड़ता रहा, 6 महीने की वो कठोर परीक्षा के बाद 9 पैरा स.फ के बलिदान बैज को हासिल किया,
अब मुझको राण भूमि में जाना था क़र्ज़ था जो देश का मुझपे वो चुकाना था,
मणिपुर में मेरी पहली पोस्टिंग और माँ का वो काँप जाना था, ज़िंदा लौटूंगा माँ ये झूठा वादा माँ से करना मेरा आम था,
यूँ तो जब-जब मैं सरहद पे जाता एक तस्वीर बट्वे से निकल के उसे बात करने लग जाता, इश्क़ था अधूरा मेरा बच्पन का प्यार था सोच के उसके बारे में आँसू चुपके से बहता था,
आँसू जब भी आते थे तो कभी 0डिग्री में जम जाते या तो 50 में सुख जाते थे,
जब कभी छुट्टी में घर जाता एक इमरजेंसी कॉल आ जाता, जंग के लिए फ़िर से मैं सज्ज हो जाता,
शादी की तारीख नज़दीक थी मेरी उस रोज़ भी ऐसा ही कॉल आया था,
युद्ध भूमि में मुझे टीम लीड करने को बुलाया था,
सीने में 2 गोली और पैर में 4 खा के भी मैंने दुश्मन को मार गिराया था,
आज अपने पिता की फोटो को मैंने अपने मेडल्स से सजाया है,
क्योंकि राण भूमि में मैंने भी अपना रक्त बहाया है,
आज ज़िस्म में वर्दी नहीं है तो क्या हुआ गोलियों के निशा को मैंने अपने जिस्म में शौर्य की तरह सजाया है।
“लोहित टम्टा”

Language: Hindi
5 Likes · 6 Comments · 524 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी शक्ति
मेरी शक्ति
Dr.Priya Soni Khare
रक्षक या भक्षक
रक्षक या भक्षक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
संगीत................... जीवन है
संगीत................... जीवन है
Neeraj Agarwal
" दूरियां"
Pushpraj Anant
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
........
........
शेखर सिंह
# नमस्कार .....
# नमस्कार .....
Chinta netam " मन "
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
Pratibha Pandey
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
माँ की एक कोर में छप्पन का भोग🍓🍌🍎🍏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
अच्छे नहीं है लोग ऐसे जो
gurudeenverma198
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
जो पहले ही कदमो में लडखडा जाये
Swami Ganganiya
बाल कविता :भीगी बिल्ली
बाल कविता :भीगी बिल्ली
Ravi Prakash
'मौन का सन्देश'
'मौन का सन्देश'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
★साथ तेरा★
★साथ तेरा★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
महाराष्ट्र का नया नाटक
महाराष्ट्र का नया नाटक
*Author प्रणय प्रभात*
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
केवट का भाग्य
केवट का भाग्य
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
भुलक्कड़ मामा
भुलक्कड़ मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तेरे ख़त
तेरे ख़त
Surinder blackpen
हिंदी का सम्मान
हिंदी का सम्मान
Arti Bhadauria
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
नवसंवत्सर लेकर आया , नव उमंग उत्साह नव स्पंदन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
अनिल कुमार
माँ ही हैं संसार
माँ ही हैं संसार
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
मन की गति
मन की गति
Dr. Kishan tandon kranti
जर्जर है कानून व्यवस्था,
जर्जर है कानून व्यवस्था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
3250.*पूर्णिका*
3250.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...