Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2021 · 1 min read

शब्द – नदी

निर्मल जल
बहती तरंगिणी
बेपरवाह ।

नदी शैलजा
कल कल करती
तृप्त धरणी ।

बिना स्वारथ
निर्झरिणी झरती
कृतघ्न सब ।

स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 04/06/2021 )

Language: Hindi
251 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mamta Singh Devaa
View all
You may also like:
उसकी दोस्ती में
उसकी दोस्ती में
Satish Srijan
भोर
भोर
Omee Bhargava
वो कॉलेज की खूबसूरत पलों के गुलदस्ते
वो कॉलेज की खूबसूरत पलों के गुलदस्ते
Ravi Shukla
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सजाया जायेगा तुझे
सजाया जायेगा तुझे
Vishal babu (vishu)
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
वहां पथ पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों।
Slok maurya "umang"
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
खुद में, खुद को, खुद ब खुद ढूंढ़ लूंगा मैं,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"खाली हाथ"
Er. Sanjay Shrivastava
💐प्रेम कौतुक-259💐
💐प्रेम कौतुक-259💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आखिर क्या है दुनिया
आखिर क्या है दुनिया
Dr. Kishan tandon kranti
*......हसीन लम्हे....* .....
*......हसीन लम्हे....* .....
Naushaba Suriya
बुद्ध भक्त सुदत्त
बुद्ध भक्त सुदत्त
Buddha Prakash
* एक कटोरी में पानी ले ,चिड़ियों को पिलवाओ जी【हिंदी गजल/गीतिक
* एक कटोरी में पानी ले ,चिड़ियों को पिलवाओ जी【हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
पर्यावरण प्रतिभाग
पर्यावरण प्रतिभाग
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
श्रावण सोमवार
श्रावण सोमवार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
गुरु महिमा
गुरु महिमा
विजय कुमार अग्रवाल
सुबह की नमस्ते
सुबह की नमस्ते
Neeraj Agarwal
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
बिन मांगे ही खुदा ने भरपूर दिया है
हरवंश हृदय
#चालबाज़ी-
#चालबाज़ी-
*Author प्रणय प्रभात*
धर्म नहीं, विज्ञान चाहिए
धर्म नहीं, विज्ञान चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
3270.*पूर्णिका*
3270.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
जीवन जीते रहने के लिए है,
जीवन जीते रहने के लिए है,
Prof Neelam Sangwan
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
’शे’र’ : ब्रह्मणवाद पर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
नागिन
नागिन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...