Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2022 · 1 min read

वो एक तुम

वो एक तुम ही बने,
जीने की वजह मेरी,
तुम्हें न भाये यदि
सांसें बेज़ार लगती है ।

तपाया खुद को सदा
जिनकी एक खुशी के लिए
अफसोस उनकी हीं
शामें उदास रहती हैं ।

जाने तकदीर मेरी
चाहती है क्या मुझसे?
मेरी छोटी सी चाहत भी
उसे नाग़वार लगती है ।

पकड़ रखे जो थोड़े
ख्बाब मैंने मुट्ठी में मेरी
कैसे वो छीने बस
इतनी फ़िराक रखती है ।

मैं मना लूंगी तुझे
सौ दफा जो तू रूठे
कभी पर तू भी मनाये
ये आस रहती है ।

वो जिनकी शर्तो में
ढलते रहे सदा ही हम
उन्हें ही शख्सियत
मेरी बेकार लगती है ।

1 Like · 2 Comments · 299 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Saraswati Bajpai
View all
You may also like:
"देश के इतिहास में"
Dr. Kishan tandon kranti
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
नन्हीं - सी प्यारी गौरैया।
Anil Mishra Prahari
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
इन आँखों को हो गई,
इन आँखों को हो गई,
sushil sarna
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/107.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसी को फर्क भी नही पड़ता
किसी को फर्क भी नही पड़ता
पूर्वार्थ
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
मंगलमय हो नववर्ष सखे आ रहे अवध में रघुराई।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
FORGIVE US (Lamentations of an ardent lover of nature over the pitiable plight of “Saranda” Forest.)
FORGIVE US (Lamentations of an ardent lover of nature over the pitiable plight of “Saranda” Forest.)
Awadhesh Kumar Singh
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
*अम्मा*
*अम्मा*
Ashokatv
हिन्द के बेटे
हिन्द के बेटे
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Tum hame  nist-ee nabut  kardo,
Tum hame nist-ee nabut kardo,
Sakshi Tripathi
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ/ दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
रावण का परामर्श
रावण का परामर्श
Dr. Harvinder Singh Bakshi
आरुणि की गुरुभक्ति
आरुणि की गुरुभक्ति
Dr. Pradeep Kumar Sharma
★क़त्ल ★
★क़त्ल ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
आवो पधारो घर मेरे गणपति
आवो पधारो घर मेरे गणपति
gurudeenverma198
विचार , हिंदी शायरी
विचार , हिंदी शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ आज का विचार...
■ आज का विचार...
*Author प्रणय प्रभात*
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
मूर्ख बनाकर काक को, कोयल परभृत नार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
औरत कमज़ोर कहां होती है
औरत कमज़ोर कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
रैन बसेरा
रैन बसेरा
Shekhar Chandra Mitra
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
"शिलालेख "
Slok maurya "umang"
// होली में ......
// होली में ......
Chinta netam " मन "
उत्कृष्टता
उत्कृष्टता
Paras Nath Jha
रिश्ते..
रिश्ते..
हिमांशु Kulshrestha
योग और नीरोग
योग और नीरोग
Dr Parveen Thakur
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
*बारिश सी बूंदों सी है प्रेम कहानी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...