Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 May 2022 · 1 min read

वफा की मोहब्बत।

हमारी जिन्दगी है हमसे रूठी,
कैसे उसे मनाऊं।
दिल में है वफा की मोहब्बत,
कैसे उसे दिखाऊं।।

✍✍ताज मोहम्मद✍✍

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 2 Comments · 248 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
स्वाभिमान
स्वाभिमान
अखिलेश 'अखिल'
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
*Author प्रणय प्रभात*
लगता है आवारगी जाने लगी है अब,
लगता है आवारगी जाने लगी है अब,
Deepesh सहल
युग बीते और आज भी ,
युग बीते और आज भी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कर्म ही है श्रेष्ठ
कर्म ही है श्रेष्ठ
Sandeep Pande
क्या....
क्या....
हिमांशु Kulshrestha
कहॉं दीखती अब वह मस्ती, बचपन वाली होली जी (गीत)
कहॉं दीखती अब वह मस्ती, बचपन वाली होली जी (गीत)
Ravi Prakash
इतना ना हमे सोचिए
इतना ना हमे सोचिए
The_dk_poetry
दुःख के संसार में
दुःख के संसार में
Buddha Prakash
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
Swami Ganganiya
आज  मेरा कल तेरा है
आज मेरा कल तेरा है
Harminder Kaur
कविता- घर घर आएंगे राम
कविता- घर घर आएंगे राम
Anand Sharma
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
RAKSHA BANDHAN
RAKSHA BANDHAN
डी. के. निवातिया
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
रंग बदलते बहरूपिये इंसान को शायद यह एहसास बिलकुल भी नहीं होत
Seema Verma
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
गणपति स्तुति
गणपति स्तुति
Dr Archana Gupta
पारख पूर्ण प्रणेता
पारख पूर्ण प्रणेता
प्रेमदास वसु सुरेखा
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
पल भर की खुशी में गम
पल भर की खुशी में गम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कब तक
कब तक
आर एस आघात
वो इश्क़ कहलाता है !
वो इश्क़ कहलाता है !
Akash Yadav
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
बाबा साहब एक महान पुरुष या भगवान
जय लगन कुमार हैप्पी
मानवीय कर्तव्य
मानवीय कर्तव्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3168.*पूर्णिका*
3168.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
युवा
युवा
Akshay patel
रिश्तों की कसौटी
रिश्तों की कसौटी
VINOD CHAUHAN
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
चलते-फिरते लिखी गई है,ग़ज़ल
Shweta Soni
अधूरा प्रयास
अधूरा प्रयास
Sûrëkhâ Rãthí
Loading...