Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2022 · 1 min read

रात तन्हा सी

रात तन्हा सी
दिल को फिर भायी
आपकी याद
बेपनाह आयी
सोच का इख़्तिलाफ़
कैसा था
बात मेरी समझ
नहीं आयी
भूल कर तुझको
मेरे जीने की
कोई सूरत नज़र
नहीं आयी
ज़िन्दगी तल्ख़
एक हक़ीक़त है
सोच कर आंख
मेरी भर आयी।

डॉ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
10 Likes · 395 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
रमेशराज की विरोधरस की मुक्तछंद कविताएँ—2.
कवि रमेशराज
🌿 Brain thinking ⚘️
🌿 Brain thinking ⚘️
Ms.Ankit Halke jha
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
तन्हा हूं,मुझे तन्हा रहने दो
Ram Krishan Rastogi
परछाई (कविता)
परछाई (कविता)
Indu Singh
సంస్థ అంటే సేవ
సంస్థ అంటే సేవ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जिनसे ये जीवन मिला, कहे उन्हीं को भार।
जिनसे ये जीवन मिला, कहे उन्हीं को भार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Kagaj ki nav ban gyi mai
Kagaj ki nav ban gyi mai
Sakshi Tripathi
ब्रह्मांड के विभिन्न आयामों की खोज
ब्रह्मांड के विभिन्न आयामों की खोज
Shyam Sundar Subramanian
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
shabina. Naaz
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
आजकल रिश्तेदार भी
आजकल रिश्तेदार भी
*Author प्रणय प्रभात*
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
जब तक दुख मिलता रहे,तब तक जिंदा आप।
Manoj Mahato
जिये
जिये
विजय कुमार नामदेव
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
हमारी मंजिल को एक अच्छा सा ख्वाब देंगे हम!
Diwakar Mahto
कृष्ण भक्ति
कृष्ण भक्ति
लक्ष्मी सिंह
जिंदगी एक आज है
जिंदगी एक आज है
Neeraj Agarwal
वसंत
वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
★उसकी यादों का साया★
★उसकी यादों का साया★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
मैं रात भर मैं बीमार थीऔर वो रातभर जागती रही
Dr Manju Saini
मुद्दतों बाद खुद की बात अपने दिल से की है
मुद्दतों बाद खुद की बात अपने दिल से की है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कवियों में सबसे महान कार्य तुलसी का (घनाक्षरी)
कवियों में सबसे महान कार्य तुलसी का (घनाक्षरी)
Ravi Prakash
तुम याद आ गये
तुम याद आ गये
Surinder blackpen
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
सिर्फ तेरे चरणों में सर झुकाते हैं मुरलीधर,
कार्तिक नितिन शर्मा
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
मौन हूँ, अनभिज्ञ नही
संजय कुमार संजू
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
रख हौसला, कर फैसला, दृढ़ निश्चय के साथ
Krishna Manshi
टेंशन है, कुछ समझ नहीं आ रहा,क्या करूं,एक ब्रेक लो,प्रॉब्लम
टेंशन है, कुछ समझ नहीं आ रहा,क्या करूं,एक ब्रेक लो,प्रॉब्लम
dks.lhp
चाय ही पी लेते हैं
चाय ही पी लेते हैं
Ghanshyam Poddar
अपना जीवन पराया जीवन
अपना जीवन पराया जीवन
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...