Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2021 · 2 min read

रहस्यवादी है भारतीय संस्कृति

रहस्यवादी, किन्तु बिल्कुल स्पष्ट है ‘भारतीय संस्कृति’। सम्पूर्ण दुनिया में ‘भारतीय सभ्यता और संस्कृति’ की अक्षुण्ण रहस्यवादिता को विदेशी विद्वानों और दुश्मनों ने भी माना। क्या मेगास्थनीज़, ह्वेनसांग, मेक्समूलर ! तो कामिल बुल्के, रस्किन बांड आदि तो यहीं के रह गए । अल्लामा इक़बाल ने तो कलमतोड़ प्रशंसा किये।

जिसतरह से ताज़महल हमारी आन- बान- शान है, तो लता मंगेशकर, अमिताभ बच्चन, मुहम्मद रफ़ी भी तो देश के लिए आठवाँ आश्चर्य है । वह भारत रत्न डॉ. अब्दुल कलाम ही हो सकते हैं, जो देश को आजीवन ब्रह्मचर्य रह सबसे मजबूत प्रक्षेपास्त्र दिये, तो अपने साथ गीता और वीणा भी रखे रहे। एक अर्द्धनग्न फकीर ने सत्य -अहिंसा का मंत्र पूरी दुनिया को दिया, जिसे नोबेल सम्मान तो नहीं मिला, किन्तु उनके कार्यों को आगे बढ़ाकर दुनियाभर से 25 से अधिक लोगों को नोबेल सम्मान मिला। इस शख़्स को आइंस्टीन ने सम्मान दिया, तो मार्टिन लूथर किंग ने आत्मसात किया।

ओम पुरी और कैलाश सत्यार्थी को सर्वाधिक विदेशी सम्मान मिला, तो अटल बिहारी वाजपेयी ने संयुक्त राष्ट्र संघ को हिंदीमय कर दिए। दिनकर जी ने ‘संस्कृति का चार अध्याय’ दिए, तो राहुल सांकृत्यायन ने विदेशों से बटोरकर ज्ञान -सुधा लाये ।

….और अनंत रश्मियाँ हैं, जिसने ‘भारत’ की सभ्यता और संस्कृति को दुनिया में सर्वोच्चता प्रदान की । स्वामी विवेकानंद की संस्कृतिलब्धता को कौन तिरोहित कर सकता है ? भगत के एक यही इंकलाब हो सकते थे, सुभाष के ‘जय हिंद’ ! एशिया के नूर ‘रवीन्द्र’ यहीं के ही सकते थे, दूजे के नहीं ! हम भी देश के निर्माण में एक गिलहरी जरूर साबित हो, ऐसी देश की मीमांसा है।

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 2 Comments · 236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
आँखों से नींदे
आँखों से नींदे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" रहना तुम्हारे सँग "
DrLakshman Jha Parimal
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
मेरी बच्ची - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"बीज"
Dr. Kishan tandon kranti
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
💐प्रेम कौतुक-238💐
💐प्रेम कौतुक-238💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
होली और रंग
होली और रंग
Arti Bhadauria
The Present War Scenario and Its Impact on World Peace and Independent Co-existance
The Present War Scenario and Its Impact on World Peace and Independent Co-existance
Shyam Sundar Subramanian
हमारा प्रेम
हमारा प्रेम
अंजनीत निज्जर
पहाड़ चढ़ना भी उतना ही कठिन होता है जितना कि पहाड़ तोड़ना ठीक उस
पहाड़ चढ़ना भी उतना ही कठिन होता है जितना कि पहाड़ तोड़ना ठीक उस
Dr. Man Mohan Krishna
तुम्हारे आगे, गुलाब कम है
तुम्हारे आगे, गुलाब कम है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं स्वयं को भूल गया हूं
मैं स्वयं को भूल गया हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"चांद पे तिरंगा"
राकेश चौरसिया
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
मन करता है अभी भी तेरे से मिलने का
Ram Krishan Rastogi
2470.पूर्णिका
2470.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
गुरु अमरदास के रुमाल का कमाल
कवि रमेशराज
जीवन अपना
जीवन अपना
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गजल
गजल
Punam Pande
■ आज का प्रहार
■ आज का प्रहार
*Author प्रणय प्रभात*
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
ऐसे कैसे छोड़ कर जा सकता है,
Buddha Prakash
खेत रोता है
खेत रोता है
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
ज़ुल्फो उड़ी तो काली घटा कह दिया हमने।
Phool gufran
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
जिंदगी को जीने का तरीका न आया।
Taj Mohammad
* जगो उमंग में *
* जगो उमंग में *
surenderpal vaidya
*इमली (बाल कविता)*
*इमली (बाल कविता)*
Ravi Prakash
घर की रानी
घर की रानी
Kanchan Khanna
Loading...