Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Aug 2016 · 1 min read

ये राखी रीत है प्यारी बहन भाई मिलाती है

ये राखी रीत है प्यारी बहन भाई मिलाती है
कलाई भाई की बहनों के हाथों से सजाती है

अगर मज़बूर हो बहना रहे परदेश राखी पर
तो करके याद भाई को बहुत आँसू बहाती है

बहुत मजबूत होता है बहन का भाई से रिश्ता
तभी इक डोर नाजुक सी इन्हें यूँ बाँध पाती है

बहन सुख दुख में भाई के खड़ी यूँ साथ में रहती
कि भाई को बहन में ही दिखाई माँ दे जाती है

वो लड़ना,रूठ जाना,खिलखिलाना बातों बातों में
बहन भाई को राखी याद बचपन की दिलाती है

बहन को प्यार बाबुल सा ही मिले बस भाई से जग में
तभी तो भाई में बहना पिता का रूप पाती है

नहीं उपहार प्यारा प्यार से है ‘अर्चना’ बढ़कर
सलामत बस रहे भैया दुआ बहना मनाती है

डॉ अर्चना गुप्ता

555 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
नववर्ष 2024 की अशेष हार्दिक शुभकामनाएँ(Happy New year 2024)
आर.एस. 'प्रीतम'
कलम लिख दे।
कलम लिख दे।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
जाना जग से कब भला , पाया कोई रोक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बाबा साहब आम्बेडकर
बाबा साहब आम्बेडकर
Aditya Prakash
"मैं" एहसास ऐ!
Harminder Kaur
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
Tushar Singh
बिन बोले ही हो गई, मन  से  मन  की  बात ।
बिन बोले ही हो गई, मन से मन की बात ।
sushil sarna
मां का दर रहे सब चूम
मां का दर रहे सब चूम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐अज्ञात के प्रति-113💐
💐अज्ञात के प्रति-113💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
किताबें
किताबें
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
कोरोना का रोना! / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
2998.*पूर्णिका*
2998.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Ajj purani sadak se mulakat hui,
Sakshi Tripathi
कैसे अम्बर तक जाओगे
कैसे अम्बर तक जाओगे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
परे नाम रूप आकारा, कण कण सृष्टि में विस्तारा
Dr.Pratibha Prakash
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
और नहीं बस और नहीं, धरती पर हिंसा और नहीं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमको तंहाई का
हमको तंहाई का
Dr fauzia Naseem shad
प्रेम जब निर्मल होता है,
प्रेम जब निर्मल होता है,
हिमांशु Kulshrestha
😢😢
😢😢
*Author प्रणय प्रभात*
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
🥀 *अज्ञानी की✍*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"राज़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
किसी के दिल में चाह तो ,
किसी के दिल में चाह तो ,
Manju sagar
"आओ हम सब मिल कर गाएँ भारत माँ के गान"
Lohit Tamta
प्रकृति
प्रकृति
नवीन जोशी 'नवल'
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
कितनी ही गहरी वेदना क्यूं न हो
Pramila sultan
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
बार बार बोला गया झूठ भी बाद में सच का परिधान पहन कर सच नजर आ
Babli Jha
मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं  तो भूल  न  पाऊंगा।
मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
साँवलें रंग में सादगी समेटे,
ओसमणी साहू 'ओश'
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
Loading...