ये मौसम
ये मौसम खुश है जरा सी ,अंगड़ाइयाँ लेकर।
चला जाता है कितनों को ,ये तन्हाईयाँ देकर।
आदत जो ठहरी है मौसम की तरह उसकी,
धूप पर छाँव कर के जाती है ,परछाइयाँ लेकर।
-सिद्धार्थ पाण्डेय
ये मौसम खुश है जरा सी ,अंगड़ाइयाँ लेकर।
चला जाता है कितनों को ,ये तन्हाईयाँ देकर।
आदत जो ठहरी है मौसम की तरह उसकी,
धूप पर छाँव कर के जाती है ,परछाइयाँ लेकर।
-सिद्धार्थ पाण्डेय