*यात्रा (कुंडलिया)*
यात्रा (कुंडलिया)
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यात्रा में आता मजा, तन जब होता स्वस्थ
जाऍं चाहे वृद्धजन, या फिर युवा गृहस्थ
या फिर युवा गृहस्थ, नया परिवेश दिखाती
मिलता नव-आह्लाद, सीख नूतन दे जाती
कहते रवि कविराय, ज्ञान की बढ़ती मात्रा
रहे हमेशा याद, मधुर मनमोहक यात्रा
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451