Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2018 · 1 min read

क्या यही शिक्षामित्रों की है वो ख़ता

इतने वर्षों पढ़ाया-लिखाया यहाँ,
हम यहीं पर ये जीवन गंवाने लगे।
जिनको हमने है राजा बनाया वही,
तीर-तलवार दिल पर चलाने लगे।

इक नदी को समंदर से उल्टा यहां,
पर्वतों की तरफ हैं बहाने लगे।
जिनकी बातों पे हमको यकीं था बहुत,
झूठ के देवता वो कहाने लगे।
जिंदगी की यहां दुर्दशा हो गई,
वे खुशी के तराने लुटाने लगे।
जिनको हमने है राजा बनाया वही,
तीर-तलवार दिल पर चलाने लगे।।

मर गए हैं बहुत पर नहीं ग़म कोई,
क्यूँ सभी बन गए बज्र के रूप सा।
साल इतने पढ़ाया बड़े चाव से,
क्या यही शिक्षामित्रों की है वो ख़ता।
जाने कितनी बड़ी है ख़ता हो गई,
मौत पर भी सभी मुस्कुराने लगे।
जिनको हमने है राजा बनाया वही,
तीर-तलवार दिल पर चलाने लगे।।

रो रहा है मेरा दिल बड़े जोर से,
देखकर भाई-बहनों की ये वेदना।
हम तो टूटे हुए हैं भले आजकल,
तुम भी टूटोगे इक दिन यहां देखना।
वक्त है जो बुरा ये गुजर जायेगा,
वे बुरे वक्त में आजमाने लगे।
जिनको हमने है राजा बनाया वही,
तीर-तलवार दिल पर चलाने लगे।।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 28/05/2018
●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●
विशेष- उत्तर प्रदेश राज्य में 137000 शिक्षकों (शिक्षामित्रों) की स्थायी नौकरी चली गयी जिससे प्रभावित होकर हज़ारों शिक्षक दिवंगत हो गए। उन सभी दिवंगत साथियों को यह गीत समर्पित है।

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 2335 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
परों को खोल कर अपने उड़ो ऊँचा ज़माने में!
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
*तेरा इंतज़ार*
*तेरा इंतज़ार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"चांदनी के प्रेम में"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
क्या मुकद्दर बनाकर तूने ज़मीं पर उतारा है।
Phool gufran
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
कुछ फूल तो कुछ शूल पाते हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
तुम्हें लगता है, मैं धोखेबाज हूँ ।
तुम्हें लगता है, मैं धोखेबाज हूँ ।
Dr. Man Mohan Krishna
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
जन्म दिवस
जन्म दिवस
Aruna Dogra Sharma
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
वतन हमारा है, गीत इसके गाते है।
सत्य कुमार प्रेमी
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
हमसे वफ़ा तुम भी तो हो
gurudeenverma198
सारे यशस्वी, तपस्वी,
सारे यशस्वी, तपस्वी,
*Author प्रणय प्रभात*
धर्म
धर्म
पंकज कुमार कर्ण
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
आदमी
आदमी
अखिलेश 'अखिल'
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
उपासक लक्ष्मी पंचमी के दिन माता का उपवास कर उनका प्रिय पुष्प
Shashi kala vyas
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Humans and Animals - When When and When? - Desert fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
"गांव की मिट्टी और पगडंडी"
Ekta chitrangini
कई राज मेरे मन में कैद में है
कई राज मेरे मन में कैद में है
कवि दीपक बवेजा
सौंधी सौंधी महक मेरे मिट्टी की इस बदन में घुली है
सौंधी सौंधी महक मेरे मिट्टी की इस बदन में घुली है
'अशांत' शेखर
Every moment has its own saga
Every moment has its own saga
कुमार
दिल की जमीं से पलकों तक, गम ना यूँ ही आया होगा।
दिल की जमीं से पलकों तक, गम ना यूँ ही आया होगा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मेरा हर राज़ खोल सकता है
मेरा हर राज़ खोल सकता है
Shweta Soni
मां तुम्हें सरहद की वो बाते बताने आ गया हूं।।
मां तुम्हें सरहद की वो बाते बताने आ गया हूं।।
Ravi Yadav
2280.पूर्णिका
2280.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुझे तेरी जरूरत है
मुझे तेरी जरूरत है
Basant Bhagawan Roy
Loading...