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19 Nov 2016 · 1 min read

मेरे ख्वाबो में ना आया करो(गज़ल)

मेरे ख्वाबो में ना आया करो,
रातो को हमे ना सताया करो।

मानता नही दिल तुम्हारे दीदार के बिना,
हर रोज मेरी गली से गुजर कर जाया करो।

गिरा कर जुल्फों चलते हो इतरा कर,
यूँ हुसन का कहर हम पर ना ढहाया करो।

सुरमा बनाता तुम्हारी आँखो को कातिल,
दूर से मेरे दिल पर निशाना ना लगाया करो।

अदाएं बेजुबाँ सी बोल देती सब कुछ,
यूँ बलखा कर दिल में आग ना लगाया करो।

आ जाते आजकल आँसू तन्हाई में,
हमारे आँसुओ को जूठा ना बताया करो।

करता “मंदीप” सच्ची चाहत तुमसे,
मेरी चाहत को जूठा ना बताया करो।

मंदीपसाई

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