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6 Aug 2022 · 1 min read

मुझे मेरी हदों में रहने दो

मुझे मेरी हदों में रहने दो
उस परिधि से बाहर निकली तो
मैं बिखर जाऊंगी
बिखर जाऊंगी तो
मैं निखर जाऊंगी
निखर जाऊंगी तो
मैं खिल जाऊंगी
खिल जाऊंगी तो मैं
किसी के दिल से मिल जाऊंगी
मिल जाऊंगी तो
उसके रंग में घुल जाऊंगी
घुल जाऊंगी तो
मैं अपने अस्तित्व का दामन
छोड़ते हुए
पूरी तौर से बदल जाऊंगी
बदल जाऊंगी तो
मैं मैं न रहूंगी
इसीलिये मैं यह बात
बार-बार कहती हूं और दोहराती हूं कि
मुझे मेरी हदों में रहने दो
मैं जैसी हूं
मुझे वैसा ही रहने दो
मुझे बदलने की कोशिश मत करो
मैं अपनी मौज में बहता
एक दरिया हूं
मुझे मेरे रास्ते पर बहने दो
उसे काटकर एक नया रास्ता
बनाने की कोशिश मत करो
मेरा रास्ता मत बदलो
मुझे मेरी यात्रा से भटकाने का
प्रयास कदापि मत करो।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
236 Views
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