Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2019 · 1 min read

मुक्तक !

खुले पिंजड़े में बैठी चिड़िया से कोई पूछो
पर होने पे भी परवाज़ क्यूँ नहीं करती।
घर की देहरी पे बैठी औरत से भी पूछो
आंगन से ख़ुद को आज़ाद क्यूँ नहीं करती
दिल का बंधन है जो घसीट लता है उसे
उड़ने खुलने को वो अक्सर तैयार नहीं होती !
(सिद्धार्थ)

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
तुम कहते हो राम काल्पनिक है
Harinarayan Tanha
"संकल्प"
Dr. Kishan tandon kranti
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
स्टेटस
स्टेटस
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"हर दिन कुछ नया सीखें ,
Mukul Koushik
दो दोस्तों में दुश्मनी - Neel Padam
दो दोस्तों में दुश्मनी - Neel Padam
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कितने छेड़े और  कितने सताए  गए है हम
कितने छेड़े और कितने सताए गए है हम
Yogini kajol Pathak
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
नया साल
नया साल
अरशद रसूल बदायूंनी
माँ जब भी दुआएं देती है
माँ जब भी दुआएं देती है
Bhupendra Rawat
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
डॉ अरुण कुमार शास्त्री /एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री /एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्यों ? मघुर जीवन बर्बाद कर
क्यों ? मघुर जीवन बर्बाद कर
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
याद है पास बिठा के कुछ बाते बताई थी तुम्हे
Kumar lalit
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
फ़कत इसी वजह से पीछे हट जाते हैं कदम
gurudeenverma198
अगर आप सही हैं तो खुद को साबित करने के लिए ताकत क्यों लगानी
अगर आप सही हैं तो खुद को साबित करने के लिए ताकत क्यों लगानी
Seema Verma
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
जाओ तेइस अब है, आना चौबिस को।
सत्य कुमार प्रेमी
मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है
मस्जिद से अल्लाह का एजेंट भोंपू पर बोल रहा है
Dr MusafiR BaithA
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
गरजता है, बरसता है, तड़पता है, फिर रोता है
Suryakant Dwivedi
2648.पूर्णिका
2648.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
होली आयी होली आयी
होली आयी होली आयी
Rita Singh
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
बिछोह
बिछोह
Shaily
विवश प्रश्नचिन्ह ???
विवश प्रश्नचिन्ह ???
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
■ विशेष व्यंग्य...
■ विशेष व्यंग्य...
*Author प्रणय प्रभात*
मुस्कान
मुस्कान
Neeraj Agarwal
*मिलिए उनसे जो गए, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*मिलिए उनसे जो गए, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...