Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2017 · 1 min read

महाकवि,जगत् मसीहा मार्ग-दर्शक*बाबा साहब*

आदर्श-युक्ति
जिम्मेदारियों में नहीं है बोझ इतना,
जितना रिश्तों ने …उलझा दिया,
सीखना था बस स्वावलंबी बनना,
इसमें भी जाति-वर्ण का महाजाल बिछा दिया,

दलदल है ये समाज में,सभ्यता है ये,
संस्कृति है ये,…….परम्परा है ये,
रीति-रिवाज है ये,आवश्यक विषय है ये,
पढ़ना और निभाना जरूरी है….इसे,
इंसानियत को कुएं का मेंढ़क बना दिया,

ये तो बाबा साहब थे,जिन्होंने विरोध दर्ज करवा दिया, मानवता क्या है सिखा दिया,
मानव-मानव में जो भेद था ..मिटा दिया,

चालाकी देखो….
उन्हें सिर्फ “दलितों का मसीहा” का नाम दिया,
जिन्होंने जन-जन में भेद मिटा हर वर्ग का ख्याल किया,
आज वे सिर्फ आरक्षण के प्रणेता के नाम से जाने जाते है,

शत् शत् नमन उनको
जिन्होने स्वर्ण और शूद्र के बीच की खाई को मिटा दिया,
धर्म-परिवर्तन के गुर् को सिखा दिया,

उनके एक महासूत्र:-
शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो,
सफलता के राज को उजागर कर दिया,

जय भीम?जय भारत,

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 584 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all
You may also like:
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
अक्सर हम ऐसा सच चाहते है
अक्सर हम ऐसा सच चाहते है
शेखर सिंह
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
किसी भी काम में आपको मुश्किल तब लगती है जब आप किसी समस्या का
Rj Anand Prajapati
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr Shweta sood
नाम दोहराएंगे
नाम दोहराएंगे
Dr.Priya Soni Khare
दुनिया में लोग अब कुछ अच्छा नहीं करते
दुनिया में लोग अब कुछ अच्छा नहीं करते
shabina. Naaz
उधार  ...
उधार ...
sushil sarna
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
जब असहिष्णुता सर पे चोट करती है ,मंहगाईयाँ सर चढ़ के जब तांडव
DrLakshman Jha Parimal
The blue sky !
The blue sky !
Buddha Prakash
मैं तो महज नीर हूँ
मैं तो महज नीर हूँ
VINOD CHAUHAN
यह ज़िंदगी
यह ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
अगर लोग आपको rude समझते हैं तो समझने दें
ruby kumari
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
सुख दुःख मनुष्य का मानस पुत्र।
लक्ष्मी सिंह
#लघुकथा / #हिचकी
#लघुकथा / #हिचकी
*Author प्रणय प्रभात*
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
🚩मिलन-सुख की गजल-जैसा तुम्हें फैसन ने ढाला है
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आगोश में रह कर भी पराया रहा
आगोश में रह कर भी पराया रहा
हरवंश हृदय
कविता
कविता
Shiva Awasthi
दर्द
दर्द
SHAMA PARVEEN
चलो आज कुछ बात करते है
चलो आज कुछ बात करते है
Rituraj shivem verma
मेरा बचपन
मेरा बचपन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अलविदा नहीं
अलविदा नहीं
Pratibha Pandey
"तुम ही"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
वह इंसान नहीं
वह इंसान नहीं
Anil chobisa
..........लहजा........
..........लहजा........
Naushaba Suriya
2867.*पूर्णिका*
2867.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुरसा-सी नित बढ़ रही, लालच-वृत्ति दुरंत।
सुरसा-सी नित बढ़ रही, लालच-वृत्ति दुरंत।
डॉ.सीमा अग्रवाल
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
ज़िन्दगी के सफर में राहों का मिलना निरंतर,
Sahil Ahmad
*सुप्रसिद्ध हिंदी कवि  डॉक्टर उर्मिलेश ः कुछ यादें*
*सुप्रसिद्ध हिंदी कवि डॉक्टर उर्मिलेश ः कुछ यादें*
Ravi Prakash
दलदल
दलदल
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...