Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2022 · 1 min read

मन की मुराद

मन की मुराद
~~°~~°~~°
पूरी कर लो हर मुराद मन की ,
पर ये तो नामुराद, सदा रहती ।
मलयज से लेपित,कर लो तन की,
मल-मुत्र सदा तन में रहती।
पर दिल में यदि ,भाव भरो उत्तम ,
वो सृष्टि के आँचल में,सदा बसती ।

प्रेम मूलमंत्र है, सब धर्मों का ,
भावों का समंदर लिए फिरती।
यही पाया था, तप से बुद्ध ने भी,
सम्यक ज्ञान की अलौकिक ज्योति ।
मानव लक्ष्य है ,प्रभु प्रेम भाव ,
समझने में क्यूँ,ये जीवन खपती ।

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® मनोज कुमार कर्ण
कटिहार ( बिहार )
तिथि – ११ /०४ /२०२२
चैत,शुक्ल पक्ष,दशमी ,सोमवार
विक्रम संवत २०७९
मोबाइल न. – 8757227201

Language: Hindi
3 Likes · 585 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from मनोज कर्ण
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
विमला महरिया मौज
बात है तो क्या बात है,
बात है तो क्या बात है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate ho
Kbhi asman me sajti bundo ko , barish kar jate ho
Sakshi Tripathi
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
घर पर घर
घर पर घर
Surinder blackpen
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन  में  नव  नाद ।
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
sushil sarna
हाथ पसारने का दिन ना आए
हाथ पसारने का दिन ना आए
Paras Nath Jha
रेल दुर्घटना
रेल दुर्घटना
Shekhar Chandra Mitra
हाल मियां।
हाल मियां।
Acharya Rama Nand Mandal
इश्किया होली
इश्किया होली
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
मेरी कानपुर से नई दिल्ली की यात्रा का वृतान्त:-
Adarsh Awasthi
आंधी
आंधी
Aman Sinha
"साँसों के मांझी"
Dr. Kishan tandon kranti
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
कृष्ण जन्म / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
थोपा गया कर्तव्य  बोझ जैसा होता है । उसमें समर्पण और सेवा-भा
थोपा गया कर्तव्य बोझ जैसा होता है । उसमें समर्पण और सेवा-भा
Seema Verma
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
याद रखते अगर दुआओ में
याद रखते अगर दुआओ में
Dr fauzia Naseem shad
हार हमने नहीं मानी है
हार हमने नहीं मानी है
संजय कुमार संजू
■ वही हालात बेढंगे जो पहले थे वो अब भी हैं।
■ वही हालात बेढंगे जो पहले थे वो अब भी हैं।
*Author प्रणय प्रभात*
जिस समय से हमारा मन,
जिस समय से हमारा मन,
नेताम आर सी
मात्र मौन
मात्र मौन
Dr.Pratibha Prakash
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है उसको दूसरा कोई कि
Rj Anand Prajapati
मजदूर
मजदूर
umesh mehra
2749. *पूर्णिका*
2749. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-503💐
💐प्रेम कौतुक-503💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
लौटना पड़ा वहाँ से वापस
gurudeenverma198
रेस का घोड़ा
रेस का घोड़ा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...