Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2017 · 1 min read

मन की अभिलाषा

(हिंदी पखवाड़े में हिंदी पर रचनायें)

छंद- चौपाई की अर्द्धाली
मात्रा भार- 16

हिन्‍दी बने विश्‍व की भाषा
स्‍वाभिमान की है परिभाषा।

गंगा जमनी जहाँ सभ्‍यता,
पल कर बड़ी हुई है भाषा।

संस्‍कृति है’ वसुधैवकुटुम्‍बकम्,
हिन्‍दी संस्‍कृत कुल की भाषा।

बाहर के देशों में रहते,
हर हिन्‍दुस्‍तानी की भाषा।

हर प्रदेश हर भाषा भाषी,
हिन्‍दी हो उन सबकी भाषा।

आज राजभाषा है अपनी,
कल हो राष्‍ट्रकुलों की भाषा।

बने राष्‍ट्रभाषा यह ‘आकुल’,
बस यह है मन की अभिलाषा।

340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Stop chasing people who are fine with losing you.
Stop chasing people who are fine with losing you.
पूर्वार्थ
बिधवा के पियार!
बिधवा के पियार!
Acharya Rama Nand Mandal
त्याग
त्याग
AMRESH KUMAR VERMA
सीख लिया है सभी ने अब
सीख लिया है सभी ने अब
gurudeenverma198
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
एक बार फिर...
एक बार फिर...
Madhavi Srivastava
ख़यालों के परिंदे
ख़यालों के परिंदे
Anis Shah
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
आरक्षण बनाम आरक्षण / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
"ना भूलें"
Dr. Kishan tandon kranti
गरीबी और भूख:समाधान क्या है ?
गरीबी और भूख:समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
■ प्रयोगात्मक कवित-
■ प्रयोगात्मक कवित-
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-533💐
💐प्रेम कौतुक-533💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जो  रहते हैं  पर्दा डाले
जो रहते हैं पर्दा डाले
Dr Archana Gupta
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
यदि आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं
Paras Nath Jha
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
जहाँ जिंदगी को सुकून मिले
Ranjeet kumar patre
फितरत
फितरत
Dr.Khedu Bharti
मुझे पता है।
मुझे पता है।
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
हर हालात में अपने जुबाँ पर, रहता वन्देमातरम् .... !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
रंगीला बचपन
रंगीला बचपन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
Jese Doosro ko khushi dene se khushiya milti hai
shabina. Naaz
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
साधना
साधना
Vandna Thakur
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...