Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2016 · 1 min read

*बेटी*

बेटी नहीं है कोई बोझ
फिर क्यूँ कोख में मरे ये रोज?
ईश्वर का वरदान है बेटी
सकल गुणों की खान है बेटी
मात-पिता की जान है बेटी
बेटों से भी महान है बेटी
घर को स्वर्ग बनाती बेटी
गम में भी मुस्काती बेटी
गीत खुशी के गाती बेटी
दुखड़ा कभी न सुनाती बेटी
इनसे ही है घर में मौज
करो ना इनको तुम जमींदोज
बेटी नहीं है कोई बोझ
फिर क्यूँ कोख में मरे ये रोज?
धर्मेन्द्र अरोड़ा

Language: Hindi
490 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
तन्हा ही खूबसूरत हूं मैं।
शक्ति राव मणि
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
संविधान ग्रंथ नहीं मां भारती की एक आत्मा🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
कसीदे नित नए गढ़ते सियासी लोग देखो तो ।
कसीदे नित नए गढ़ते सियासी लोग देखो तो ।
Arvind trivedi
"गरीब की बचत"
Dr. Kishan tandon kranti
*आते बारिश के मजे, गरम पकौड़ी संग (कुंडलिया)*
*आते बारिश के मजे, गरम पकौड़ी संग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
यह सुहाना सफर अभी जारी रख
Anil Mishra Prahari
तन प्रसन्न - व्यायाम से
तन प्रसन्न - व्यायाम से
Sanjay ' शून्य'
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*Author प्रणय प्रभात*
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
*** कृष्ण रंग ही : प्रेम रंग....!!! ***
VEDANTA PATEL
पृथ्वी की दरारें
पृथ्वी की दरारें
Santosh Shrivastava
2796. *पूर्णिका*
2796. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम रंगदारी से भले ही,
तुम रंगदारी से भले ही,
Dr. Man Mohan Krishna
नहीं है प्रेम जीवन में
नहीं है प्रेम जीवन में
आनंद प्रवीण
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बारिश के लिए तरस रहे
बारिश के लिए तरस रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मैं
मैं "आदित्य" सुबह की धूप लेकर चल रहा हूं।
Dr. ADITYA BHARTI
शराब खान में
शराब खान में
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
आज तुम्हारे होंठों का स्वाद फिर याद आया ज़िंदगी को थोड़ा रोक क
पूर्वार्थ
नादान प्रेम
नादान प्रेम
Anil "Aadarsh"
न दिया धोखा न किया कपट,
न दिया धोखा न किया कपट,
Satish Srijan
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
आर.एस. 'प्रीतम'
कई रात को भोर किया है
कई रात को भोर किया है
कवि दीपक बवेजा
क्रव्याद
क्रव्याद
Mandar Gangal
The steps of our life is like a cup of tea ,
The steps of our life is like a cup of tea ,
Sakshi Tripathi
Loading...